Book Title: Dasha Shrutskandh Sutram
Author(s): Atmaramji Maharaj
Publisher: Aatmaram Jain Dharmarth Samiti

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Page 6
________________ w दशाश्रुतस्कन्धसूत्रम् 6 112 113 तृतीय दशा आचार-संपत् की व्याख्या स्थविर भगवंतों द्वारा प्रतिपादित तेंतीस श्रुत-संपत् की व्याख्या - आशातनाएँ शरीर-संपत् की व्याख्या 1 से 6 पर्यन्त आशातनाओं का वर्णन 62 वचन और वाचना संपत् की ___व्याख्या 101-102 १०वीं आशातना का वर्णन ११वीं आशातना का वर्णन मति-संपत् की व्याख्या 104 प्रयोग और संग्रह संपत् की . . १२वीं आशातना का वर्णन व्याख्या 107-110 १३वीं और १४वीं आशातना आचार्य की शिष्य को चार प्रकार का वर्णन 70-71 की विनय-शिक्षा १५वीं और १६वीं आशातना आचार-विनय के भेद का वर्णन 72-73 १७वीं और १८वीं आशातना श्रुत-विनय के भेद 115 विक्षेपणा विनय 117 ___ का वर्णन / 74-75 दोषनिर्घातन विनय 118 १६वीं आशातना का वर्णन 76 शिष्य की चार प्रकार की विनय-प्रतिपत्ति २०वीं, २१वीं, २२वीं आशातना का वर्णन ____ का वर्णन 77-78 उपकरण उत्पादन के भेद 121 २३वी २४वीं और २५वीं आशातना ___ का वर्णन सहायता–विनय के भेद 76-81 २६वीं आशातना का वर्णन वर्णसंज्वलनता-विनय के भेद २७वीं, २८वीं और २६वीं आशातना | प्रत्यवरोहणता-विनय के भेद ___ का वर्णन 83-85 पञ्चमी दशा ३०वीं आशातना का वर्णन ३१वीं, ३२वीं और ३३वीं आशातना... दशचित्त समाधि विषय का वर्णन 87-86 | वाणिज्य ग्राम का वर्णन . 132 33 आशातनाएँ स्थविरों ने कही हैं 60 | श्रमण भगवान् महावीर के द्वारा निर्ग्रन्थों और निर्ग्रन्थियों को संबोधित करके चतुर्थी दशा उनके कर्तव्यों का वर्णन 135 स्थविर भगवंतों ने आठ गणि संपत्.. धर्मचिंतनादि चार समाधियों का वर्णन 138 कही हैं शेष 6 समाधियों का वर्णन 142 आठ संपदों के नाम 65 | धर्मचिंता का वर्णन .. . 144 120 82 131

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