________________
नदियाँ चौदह-चौदह हजार नदियों के परिवार से सीतोदा
और सीता नदी में मिलती हैं । चउदससहस्सगुणिया, अडतीसनइओ विजय मज्झिल्ला । सीओयाए निवडंति, तहय सीयाई एमेव ॥२४॥
गाथार्थ : विजयों के अन्दर बहनेवाली तथा चौदह हजार से गिनी गई अडतीस नदियाँ सीतोदा नदी में तथा सीता नदी में भी इतनी ही नदियाँ पडती हैं यहाँ किसीकिसी आचार्य का कहना है कि अन्तरनदियों की परिवारभूत एक भी नदी नहीं है, इसलिये ये नदिया परिवार रहित हैं। सीया सीओया वि य, बत्तीससहस्स पंचलक्खेहि ।। सव्वे चउदस लक्खा , छप्पन्न सहस्स मेलविया ॥२५॥
गाथार्थ : पाँच लाख बत्तीस हजार नदियों के परिवार से सीता नदी और इतने ही परिवार से सीतोदा नदी भी लवणोदधि में मिलती है। सभी नदियों को एकत्रित करने से चौदह लाख ५६ हजार नदिया हैं । छज्जोयणे सकोसे, गंगासिंधूण वित्थरो मूले । दसगुणिओ पज्जंते, इय दु दु गुणणेण सेसाणं ॥२६॥ ___गाथार्थ : गंगा और सिंधु नदी का प्रारम्भ में विस्तार ६ योजन एक कोस का है, अन्त में दस गुणा ६२॥ योजन का है, शेष नदियों विस्तार का इससे दोगुणा होता है। श्री लघुसंग्रहणी प्रकरण