Book Title: Dada Shree Jinkushalsuri
Author(s): Agarchand Nahta, Bhanvarlal Nahta
Publisher: Shravak Sangh

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Page 126
________________ १०५ ईडर थूभ अनोपम ओपा, आसोपड सुरतरु अवतार । पुर खंभाइत पाटण पाली, दिल्लीगढ दउलति दातार मांगलउर वीरमपुर मनहर, अंजारइ मन अधिक उल्हास भली वात करइ भुजनगरह, मंडही मंदिर महिम निवास लखपति महिमपुरि लाहोरह, बंदद करजाड़ी वडगात । भेहरइ मांहे दालिद्र भंजइ, अजमेरह मोटी अखियात । पूगल जंगल पूनासर प्रभु, पहुचाडह सब वात प्रमाण । डिंडूआणइ आनइ सहुडेरइ, सेरगढइ सबलउ सनमाण फतेपुर बहु फल फूलइ करि, पूजइ गुरुपदपंकज सार । भाव भगति भटनेर भलीविधि,फलवधिपुर फलियउ सहकार महड़ीचक्क सुथान मरोटइ, अमरकोट मानइ सहु आण । सम्बल कम्बल मई सद्गुरुना, सेवइ पदयुग चतुर सुजाण दुखभंजन कहीयह देवीझर, ग्वालेग्इं कहीयइ गुणगेह । सलहीजा सिरवाड़ी सिजरूंई, देखी विकसइ सारी देह विक्कमपुर वडली वीजापुर, खीमसरइ प्रणम्यां नितुखेम बाहड़मेरु सनूर विशालइ, पहुकरणइ पाल्हणपुर प्रेम चंदसमान कहुं चंदेरी, तोड़इ वंछित द्या ततकाल । कुंभलमेरु सकल सुखकारक, महर रिणी मांहे सुविशाल सरसइ धनवरसइ सेवकपरि, लूणकरणसर लील विलास खरी बात कहां खेजड़लइ, पचीयाखई नितु पुण्यप्रकाश देवीखेड़ा दुसमण फेरह, सइंभर पूग सगला थोक झुटइ रायपुरइ जस झलकइ, राधनपुर द्यइ वंछितरोक Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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