Book Title: Collection of Kalka Story Part 02
Author(s): Ambalal P Shah
Publisher: Sarabhai Manilal Nawab
View full book text
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
कालिकाचार्यकथा। (२८) जे संघपञ्चणीया, पवयणउवधायगा नरा जे य ।
संजमउवधायपरा, तदुविक्खाकारिणों जे प ॥२८॥ (२९) तेसिं बच्चामि गई, जइ एवं गद्दभिल्लरायाणं ।
उम्मूलेमि ण सहसा, रजाओ भट्टमज्जायं ॥२९॥ ___कायव्वं च एय, जओ भणियमागमे(३०) तम्हा सइ सामत्थे, आणाभट्टम्मि नो खलु उवेहा ।
अणुकूलेअरएहि य, अणुसट्ठी होइ दायव्वा ॥३०॥
तथा(३१) साहूण चेइयाण य, पडिणीयं तह अवण्णवाइं च ।
जिणपवयणस्स अहियं, सवत्थामेण वारेइ ॥३१॥
तओ एवं पइण्णं काऊग चिंतियं सूरिणी जहा–'एस गद्दभिल्लराया महाबलपरक्कमो गद्दभीए महाविज्जाए बलिओ ता उवाएण उम्मूलियचो 'त्ति सामत्थेऊग कओ कबडेण उम्मत्तयवेसो तिय-चउक-चच्चर-महापहाणेसु यमं पलवंतो हिंडइ-यदि गर्दभिल्लो राजा ततः किमतः परम् !, यदि वा रम्यमन्तःपुरं ततः किमतः परम् :, यदि वा विषयो रम्यस्ततः किमतः परम् !, यदि वा सुनिविष्टा पुरी ततः किमतः परम् !, यदि वा जनः सुवेषस्ततः किमतः परम् !, यदि वा करोमि भिक्षाटनं ततः किमतः परम् !, यदि वा शून्यगृहे स्वप्नं(पनं) करोमि ततः किमतः परम् ! । (३२) इय एवं जपंतं, सूरि भणइ पुरलोगो ।
अहह ण जुत्तं रण्णा, कयं जओ भगिणिकजम्मि ॥३२॥ (३३) मोत्तूण णिययगच्छं, हिंडइ उम्मत्तओ नयरिमज्झे ।
सयलगुणाण णिहाणं, कमहो ! कालगायरिओ ॥३३।। (३४) गोवाल-बाल-ललणाइसयललोयाओं एयमइफरुसं ।
सोऊण निंदणं पुरवरीइ नियसामिसालस्स ॥३४॥ (३५) मंतीहि तओ मणिओ, नरणाहो देव ! मा कुणसु एवं ।
मुयसु तवस्सिणिमेयं, अवण्णवाओ जो गरुभो ॥३६॥ (३६) किंच गुणीण अणत्यं, जो मोहविमोहिओ नरो कुणइ ।
सोऽणत्यजलसमुद्दे, अपणिं खिवइ धुवमेयं ॥३६॥ (३७) तं मंतिवयणमायणिऊण रोसेण भणइ णरणाहो ।
रे रे ऐयं सिक्खं, गंतूणं देह नियपिउणो ॥३७॥ (३८) तं सोउं तुण्डिका, संजाया मंतिणो इमं हियए।
काउं केण णिसिद्धो, जलही सीमं विलंघतो ॥३८॥
३१ • वायं च ABHI ३२ सूरीहिं ज° CDEHI ३३ • मंविल H। ३४ •म् :, विषयो यदि वार. CD ॥, विषया यदि वा रम्यास्ततः ।। ३५ •म् ! सुनिविष्टा पुरी यदि वा ततः CDH | ३६ इमभो का • CDI ३. एवम ° CDEH I १८ •ण ठवइ AB | ३९ एवं CDEHI
For Private And Personal Use Only

Page Navigation
1 ... 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 ... 237