Book Title: Chauvisam Pi Jinvara Titthayara Me Pasiyantu
Author(s): 108 Parshwanath Bhaktivihar Jain Trust
Publisher: 108 Parshwanath Bhaktivihar Mahaprasad
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जीवन पथ पर शाम सबेरे..... जीवनपथ पर, शाम सबेरे, छाये है घनघोर अंधेरे
ओ प्रभुजी मेरे, कब होगे दर्शन तेरे .१ मैं अज्ञानी, तं अंतरयामी, मैं सेवक तं, मेरा स्वामी काहे मुजसे, नाता तोडा, मन छोडा, मंदिर भी छोडा कितनी दूर लगायें तूने, जो मोक्ष पे डेरे ?..... ओ..२ तेरे द्वार पे,ज्योत जगाते,युग बीते, तेरे गुण गाते ना मांगु में, हीरे मोती, मांगु केवल,ज्ञान की ज्योती। खाली हाथ ना जाउंगा में, दाता द्वार से तेरे... ओ..३ तु बह्मा तुं, बुद्ध महाबल,बंधु सखा तुं मात पिता तुं अरजी करने, आज मैं आया, विनती सुनने का, समय ये आया वो कैसा भगवान जो अपने, भक्तो से अंखिया फेरे ?........... ओ..४ हे शंखेश्वर, हे परमेश्वर, हे जगदीश्वर हे वालेसर शंखेश्वर के, पास जिणंदा, अश्वसेन, और वामाजी नंदा तुम दर्शन हुवे, परमानंदा, जय जय जय बोलो, पास जिणंदा मोहनी मूरत देखके जिनजी, आनंद आनंद मेरे..... ओ..५ भक्ति करने, भक्त है आये, तेरे दर्श की आश लगाये आखियां बरसे दर्श को तरसे, खाली न जाये, तेरे दरसे धर्म भक्ति प्रेम से मेटो, चोरासी के फेरे..... ओ..६ ।
दादा तेरे चरणों की दादा तेरे चरणों की, थोडी धूल जो मिल जायें सच कहता हूं दिलसे, तकदीर बदल जाये.... दादा....१ नजरों से गिराना नही, चाहे जो भी सजा देना नजरों से जो गिर जायें, मुश्किल है संभल पाना.... दादा....२ ये मन बडा चंचल है, कैसे तेरा ध्यान धरूं? जितना उसे समझाउं उतना ही मचलता है.... दादा....३ सुनते हे दया तेरी, दिनरात बरसती है ओक बुंद जो मिल जाये, मेरा भाग्य पलट जायें.... दाद मेरे इस जीवन की, बस ओक तमन्ना है तुम सामने हो मेरे, और प्राण निकल जाये.... दादा....५ प्रभु भक्ति की मस्ती में, मेरी अंखियां भर आयी प्रेम से तेरे गुण गाऊं, धर्म वृद्धि को पा जाऊ.... दादा....६
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