Book Title: Chanakya Sutrani
Author(s): Ramavatar Vidyabhaskar
Publisher: Swadhyaya Mandal Pardi

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Page 691
________________ चाणक्यसूत्राणि 537 शीर्षक सूची पृष्ठ शीर्षक सूची पृष्ठ पाप पापीके ही मुखसे स्वीकार दुःखका स्वरूप कराया जा सकता है 514 दुःखसे निस्तारेका उपाय आकृतिपर चरित्रकी छाप आ तपोवृद्धिका साधन 539 जाती है 518 तपस्या सर्वकार्य साधक 541 आकारसंगोपन असंभव 519 परिशिष्ट प्रजा तथा राष्ट्र के धनको चोरों प्रसंगोचित आलोचना 543 __ तथा राजकर्मचारियोंसे बचाओ, चाणक्यका मंत्रित्व त्याग प्रजासे न मिलनेवाले राजा आये चाणक्यका इतिवृत्त 568 प्रजाके विनाशक 520 आर्य चाणक्यकी नाति प्रजारंजनका उपाय, न्यायी आर्थिक आधारोंपर समाजराजाके प्रति प्रजाकी भावना 521 रचनाके दोष न्यायी राजाका लाभ, राजाकी दिनचर्या 595 राजाका कर्तव्य 522 सम्राट चन्द्रगुप्त 600 धर्मका लक्षण 524 चन्द्रगुप्त नंद वंशका नहीं था 602 सत्पुरुषका लक्षण 525 इतिहास लेखकों का उत्तरदायित्व 611 राजनैतिक ठगोंका माननीयों को ऐतिहासिकोका वर्तमान कर्तव्य 614 नीचा दिखाना, वर्तमान भारत निन्दित आहार 528 आर्य अनार्य स्वाम्राज्यों की ज्ञानी के लिये संसारमें दुःख नहीं है 530 तुलनात्मक आलोचना 621 ज्ञानदीपकसे संसारान्धकारका वर्तमान राजनैतिक साम्यवाद, विनाश समाजवाद आदि अनार्यसारा ही संसार मृत्युका ग्रास, वादोंकी आलोचना 624 देहासक्ति मानवका अज्ञान 532 चाणक्य-सूयाणामकारादिशरीर मानव नहीं वह उसका क्रम-सूची 637 से 652 एक साधन 535 शीर्षक सूची 653 से 664

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