Book Title: Chanakya Explored in Jaina Literature
Author(s): Nalini Joshi
Publisher: Firodaya Prakashan

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Page 253
________________ 243 BIBLIOGRAPHY 1. अणुओगद्दाराई : आर्यरक्षित, सं. पुण्यविजय, श्री महावीर जैन विद्यालय, मुंबई, १९६८. 2. अनुयोगद्वार-सूत्र : सं.नेमीचन्द बांठिया, श्री अखिल भारतीय सुधर्म जैन संस्कृति रक्षक संघ, जोधपुर, ब्यावर, २०१२. 3. अभिधानचिन्तामणि-नाममाला : हेमचंद्र, श्री जैनसाहित्यवर्धक सभा, अहमदाबाद, वि.सं.२०३२. 4. आचारांगसूत्र (भाग १,२) : अनु. अमलोकऋषिजी, सं.पं. शोभाचन्द्र भारिल्ल, श्री अमोल जैन ज्ञानालय, धुलिया (महाराष्ट्र)२००६ आचारांग-सूत्र (भाग १,२) : सं. नेमीचन्द बांठिया, श्री अखिल भारतीय सुधर्म जैन संस्कृति रक्षक संघ, जोधपुर, ब्यावर, २०१०. 6. आचारांग-चूर्णि : सम्यक् ज्ञानभांडार, रावटी जोधपुर, ऋषभदेव केसरीमल पेढी, रतलाम. 7. आचारांग-टीका : शीलांक, आगमोदयसमिति मेहसाना, १९१६. 8. आराधना-पताका : पइण्णयसुत्ताई (भाग १,२) महावीर जैन विद्यालय, १९८७. 9. आर्य : वसंत पटवर्धन, विश्वकर्मा साहित्यालय, पुणे १९८०. 10. आवश्यक-सूत्र : सं. नेमीचन्द बांठिया, श्री अखिल भारतीय सुधर्म जैन संस्कृति रक्षक संघ, जोधपुर, ब्यावर, २०११. 11. आवश्यक-सूत्र-चूर्णि (पूर्वभाग, उत्तरभाग) : जिनदासगणि, श्री ऋषभदेवजी केशरीमलजी श्वेतांबर संस्था, रतलाम, १९२८, १९२९. 12. आवश्यक-टीका (पूर्वभाग, उत्तरभाग) : हरिभद्र, आगमोदयसमिति, मेहसाना, १९१६. 13. ओघनियुक्ति (वृत्ति) : द्रोणाचार्य, आगमोदयसमिति, मेहसाना, १९१९. 14. उत्तरज्झयणाणि : जैन-विश्व-भारती, लाडनूं (राजस्थान), १९९७.

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