Book Title: Chamatkar
Author(s): Dada Bhagwan
Publisher: Mahavideh Foundation

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Page 36
________________ चमत्कार ६० चमत्कार और फिर चमत्कारवाला कहता है कि, 'इस समय नहीं होगा।' 'क्यों तू टाइम की राह देख रहा है? इसलिए चमत्कार नहीं है।' पर ऐसा पूछना आता नहीं है न लोगों को! मैं तो उसका खलासा पछु, क्योंकि मुझे वैसा पूछना आता है। पर हम कहाँ उसके पीछे पड़ें? उसका अंत आए, ऐसा नहीं है। अनंत जन्मों से इन्हीं तूफ़ानों में पड़े हुए हैं। भगवान के समय में चोर्यासी लाख विद्याएँ थीं, तो भगवान सारी विद्याओं का नाश कर गए हैं। फिर भी थोड़ा-बहुत लीकेज रह गया है। यह तो ऐसा है न, सच्चा विज्ञान सारा खो गया है, वह कुदरत अपने आप निकालेगी! हम लोग तो भाव करें न कि ये चमत्कार की विद्याएँ सब जाओ यहाँ से। - जय सच्चिदानंद क्योंकि कॉज़ेज़ के बिना कोई कार्य नहीं होता है, तो चमत्कार कॉजेज के बिना हुआ किस तरह? वह बता? उसका बेजमेन्ट चाहिए! यानी यह चमत्कार है, वह यदि ऐसा ही हो तो उसका कॉज क्या है? वह कहो। कॉज़ के बिना चीज़ होती नहीं और जो हो रहा है, चमत्कार हो रहा है, वह तो परिणाम है। तो उसका कॉज़ बता, तू?! यानी यह तो बिना माँ-बाप का बेटा माना जाएगा! इसलिए सारे बुद्धिशाली लोग समझ जाएँगे कि बिना माँ-बाप के बेटा होता नहीं है, जब कि इसने बिना माँ-बाप का बेटा खड़ा किया है! प्रश्नकर्ता : वह तो जिसका कॉज़ जानते नहीं हैं, उसे चमत्कार कहते हैं। दादाश्री : हाँ, उसे चमत्कार कहते हैं, बस! पर वापिस ये लोग दिमाग में डालते हैं और ये दूसरे सब लोग बेचारे लालची हैं, वे फँस जाते हैं! संजोग जहाँ, चमत्कार कहाँ? इसलिए चमत्कार किसे कहा जाएगा? तो आपको साइन्टिफिक प्रकार से प्रूफ देना हो किसी व्यक्ति को तो किसी भी चीज की, किसी भी संयोग की ज़रूरत नहीं पड़े, उसे चमत्कार कहा जाता है और इस जगत् में संयोग के बिना कुछ भी काम होता नहीं है। क्योंकि सारा डिस्चार्ज संयोगों का मिलन है यानी कि साइन्टिफिक सरकमस्टेन्शियल एविडेन्स है। कोई कहे कि 26 और 0 दो तो मैं आपको पानी बनाकर दूँ। तो वह तो पानी होने का उसका स्वभाव ही है। तो उसमें तु किस चीज़ का मेकर? मैं तुझे एक H और एक 0, और त पानी बना दे, तब मैं तुझे मेकर कहूँ। तब वह कहे, 'वह नहीं बन सकता!' तब मैंने कहा, 'तू क्या करनेवाला था?! यों ही बिना काम का!' इसलिए संयोगों का मिलन है यह! 'अब वे संयोग नहीं हों और त् करे उसमें मुझे दिखा', कहें। यानी चमत्कार वह कहलाता है कि संयोगों का मिलन नहीं होना चाहिए।


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