Book Title: Chale Man ke Par
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Jityasha Foundation

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Page 257
________________ छायातप : महोपाध्याय चन्द्रप्रभ सागर अदृश्य प्रियतम की कल्पना की रंगीन बारीकियों का मनोज्ञ चित्रण | रहस्यमयी छायावादी कविताओं का एक और अभिनव प्रस्तुतिकरण | पृष्ठ १०८, मूल्य २० / जिन - शासन : महोपाध्याय चन्द्रप्रभ सागर एक अनूठी काव्यकृति, जिसमें है सम्पूर्ण जैन शासन का मार्ग-दर्शन | काव्य- शैली में जैनत्व को समग्रता से प्रस्तुत करने वाला एक मात्र सम्पूर्ण प्रयास । पृष्ठ ८०, मूल्य ३/ अधर में लटका अध्यात्म : महोपाध्याय चन्द्रप्रभ सागर दिल की गहराइयों को छू जाने वाली एक विशिष्ट काव्यकृति । पढ़िए, मस्तिष्क के परिमार्जन एवं जीवन के सम्यक् संस्कार के लिए । पृष्ठ १५२, मूल्य ७/ गीत - भजन - स्तोत्र · प्रार्थना : महोपाध्याय चन्द्रप्रभ सागर चौबीस तीर्थंकरों की भक्ति - वन्दना; नई लयों में रस- भावों की अभिव्यक्ति । प्रत्येक तीर्थंकर के नाम स्वतंत्र प्रार्थना और भजन । पृष्ठ ५२, मूल्य ५/ महान् जैन स्तोत्र : महोपाध्याय ललितप्रभ सागर अत्यन्त प्रभावशाली एवं चमत्कारी जैन स्तोत्रों का विशाल संग्रह । श्रद्धांजलि : महोपाध्याय ललितप्रभ सागर भजनों और गीतों का सम्पूर्ण संग्रह । प्रभात वन्दना एवं भजन-संध्या में नित्य उपयोगी । पृष्ठ ३२, मूल्य २/ पृष्ठ १२०, मूल्य १०/ जैन भजन : महोपाध्याय चन्द्रप्रभ सागर लोकप्रिय तर्जों पर निर्मित भावपूर्ण गीत- भजन । छोटी, किन्तु प्यारी पुस्तक । पृष्ठ ४८, मूल्य २/ रजिस्ट्री चार्ज एक पुस्तक पर ८/-, सम्पूर्ण सेट डाक व्यय से मुक्त । धनराशि श्री जितयशाश्री फाउंडेशन (SRI JIT YASHA SHREE FOUNDATION) कलकत्ता के नाम पर बैंक ड्राफ्ट या मनीआर्डर द्वारा भेजें । आज ही लिखें और अपना ऑर्डर भेजें । - Jain Education International :::: सम्पर्क सूत्र श्री जितयशा श्री फाउंडेशन ९ सी, एस्प्लनेड रो ईस्ट, ( रूम नं. २८) कलकत्ता दूरभाष : २०-८७२५/३५०-०४१४ [ ६ ] For Personal & Private Use Only · ७०० ०६९ www.jainelibrary.org

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