Book Title: Chale Man ke Par
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Jityasha Foundation

View full book text
Previous | Next

Page 256
________________ अंतर के पट खोल : महोपाध्याय चन्द्रप्रभ सागर पतंजलि के दस सूत्रों पर पुनर्प्रकाश; योग की अनूठी पुस्तक । पृष्ठ ११२, मूल्य ७/हंसा तो मोती चूगै : महोपाध्याय चन्द्रप्रभ सागर भगवान महावीर के कुछ अध्यात्म-सूत्रों पर सामयिक प्रवचन । पृष्ठ ८८, मूल्य १०/ कथा-कहानी सिलसिला : महोपाध्याय चन्द्रप्रभ सागर कहानी-जगत की अनेक आजाद वारदातें, पशोपेश में पड़े इंसान के विकल्प को तलाशती दास्तान । बालमन, युवापीढ़ी, प्रौढ़ बुजुर्गों के अन्तर्मन को समान रूप से छूने वाली कहानियों का संकलन । पृष्ठ ११०, मूल्य १०/संसार में समाधि : महोपाध्याय ललितप्रभ सागर समाधि के फूल संसार में कैसे खिल सकते हैं, सच्चे घटनाक्रमों के द्वारा उसी का सहज विन्यास | हर कौम के लिए शान्ति और समाधि का संदेश । पृष्ठ १२०, मूल्य १०/लोकप्रिय कहानियाँ : महोपाध्याय चन्द्रप्रभ सागर जैन संस्कृति को उजागर करने वाली सुप्रसिद्ध कथा-कहानियों का सार-संक्षेप । सहज भाषा में जैनत्व की धड़कन । पृष्ठ ४८, मूल्य ३/संत हरिकेशबल : महोपाध्याय चन्द्रप्रभ सागर अस्पृश्यता निवारण के लिए बोलती एक रंगीन कहानी । बच्चों के लिए सौ फीसदी उपयोगी। पृष्ठ २४, मूल्य ४/दादा दत्त गुरु : महोपाध्याय ललितप्रभ सागर पहले दादा गुरुदेव आचार्य जिनदत्तसूरि की सर्वप्रथम प्रकाशित चित्र-कथा; ज्ञानवर्धक, रोचक भी। पृष्ठ २४, मूल्य ४/सत्य, सौन्दर्य और हम : महोपाध्याय ललितप्रभ सागर सुन्दर, सरस प्रसंग, जिनमें सच्चाई भी है और युग की पहचान भी । पृष्ठ ३२, मूल्य २/घट-घट दीप जले : महोपाध्याय चन्द्रप्रभ सागर राष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाशित चन्द्रप्रभजी की उन कहानियों का संकलन, जिनमें जीवन-दीप की आत्मा हर शब्द में फैल रही है। पृष्ठ ३२, मूल्य २/कुछ कलियाँ, कुछ फूल : महोपाध्याय ललितप्रभ सागर संसार के विभित्र कोनों में हुए सद्गुरूओं की उन घटनाओं का लेखन, जिनमें छिपे हैं जीवन-क्रान्ति और विश्व-शान्ति के सन्देश ।। पृष्ठ ३२, मूल्य २/ काव्य-कविता बिम्ब-प्रतिबिम्ब : महोपाध्याय चन्द्रप्रभ सागर जीवन की उधेड़बुन को प्रस्तुत करने वाली एक सशक्त प्रौढ़ काव्य-कृति । सत्य के संगान का अभिनव प्रयत्न । पृष्ठ ८४, मूल्य ७/[५] Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 254 255 256 257 258