Book Title: Chakradutt
Author(s): Jagannathsharma Bajpayee Pandit
Publisher: Lakshmi Vyenkateshwar Steam Press

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Page 371
________________ ऋय्य पुस्तकें - वैद्यकग्रन्थाः । 180 नाम. " अष्टाङ्गहृदय - ( वाग्भट ) मूल, वाग्भटविरचित । इसमें सूत्रस्थान शारीरस्थान, निदानस्थान, चिकित्सास्थान, कल्पस्थान, उत्तरस्थान इत्यादिमें संपूर्ण रोगोंकी उत्पत्ति, निदान, लक्षण और क्वाथ, चूर्ण, रस, घी, तैल आदिसे अच्छी चिकित्सा वर्णित है - अष्टाङ्गहृदय - (वाग्भट ) भाषाटीकासहित । इस वाग्भटकृत मूलकी शिवदीपिका नामक भाषाटीका पटियाला राज्यके प्रधान चिकित्सक वैद्यर पं० रामप्रसादजी राजवैद्यके सुपुत्र पं० शिवशर्मा आयुर्वेदाचार्यजीने ऐसी सरल बनाई है कि जो सर्वसाधारणके परमोपयोगी है. अष्टाङ्गहृदय - (वाग्भट ) सूत्रस्थान - वाग्भटकृत मूल तथा अरुणदत्तकृत सर्वाङ्गसुन्दर, चन्दनदत्तकृत पदार्थचन्द्रिका, हेमाद्रिकृत आयुर्वेदरसायन और कठिन स्थलपर पटियाला - राजवैद्य वैद्यरत्न पं० रामप्रसादजीकृत टिप्पणीसहित. (शेष स्थान छप रहे हैं ) . अष्टाङ्गहृदय (वाग्भट ) सूत्रस्थान - वाग्भटविरचित तथा पटियाला राजवैद्य वैद्यरत्न पं० रामप्रसादजीके सुयोग्य पुत्र, विद्यालंकार शिवशर्मकृत भाषा - टीका और संदिग्ध विषयोंपर संस्कृत टिप्पणीसहित अमृतसागर - भाषा । इसमें सर्व रोगों के वर्णन और गुत्न हैं । इसके द्वारा बिना गुरु वैद्य हो सकते हैं । ग्लेज कागज. अमृतसागर - भाषा । उपरोक्त रफ कागज अर्कप्रकाश- लंकापति रावणकृत ) 8000 .... **** .... 66 .... .... की ० भाषाटीकासहित इसमें नाना प्रकारले यन्त्रोंसे ओषधियोंका अर्क खींचना और गुणवर्णन भले प्रकारसे किया गया है. अनुपान दर्पण-भाषाटीकासहित । इसमें रस धातु बनानेकी क्रिया और रोगा'नुसार औषधों के अनुपान वर्णित हैं. .... .... ( बडी सूची अलग है सो मंगाकर देखिये ) पुस्तकें मिलनेका ठिकाना गङ्गाविष्णु श्रीकृष्णदास, 66 ० रु० आ० लक्ष्मीवेङ्कटेश्वर " स्टीम् - प्रेस, कल्याण- बम्बई. ४-० १०-० ६-० ३-० ३-० २-८ १-८ १-०

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