Book Title: Bruhat Stavanavali Author(s): Prachin Pustakoddhar Fund Publisher: Prachin Pustakoddhar Fund View full book textPage 8
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra ग्रंथांक. www.kobatirth.org ॥ बृहत्स्तवनावलि अनुक्रमणिका ॥ - विषय. करतानुनाम. पृष्ठ. जिनपद्मसूरिजी १ १ अतो जगवंत श्लोक " २ श्री जिनसासन से० सम० स्त० उपाध्याय धर्मव० १ ३ रिषजानन वर्ध० सास्व० स्त० उ समयसुंदरजी० ४ ४ प्रहरी प्रध्यान असा० स्त० पं० मोहनजी ए प्रणमुपज जिने ० २४जि०स्त० रंगविनयजी ६ पदेव प्रमुं २४ जि० स्त० रंगविनयजी ७ नुवनप्रदीपकवीर जीवचारस्त० ज्ञानसारजी ८ नमस्कार अरि० नवतत्वस्त० ज्ञानसारजी दंमकस्त० ज्ञानसारजी ए रुषादिक चौ० १० मोरासाहिब हो० स्तवन ११ जयजयजिन पा० ८४ श्रासा 0 Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मुहपस्त० स्तवन १२ सद्गुरुचरणकम० ६३ स०स्त० १३ वर्द्धमान जिनवर १४ वीरसुणो मोरी० १५ पूरमनोरथपास० २४ दंमकस्त० नाधर्मसिंहजी १६ प्रभुप्रणरे पास इरिया०स्त० बालविवलनजी १७ सुमतिजिणंदसु० १४ गु०स्त० उाधर्मसीजी १८ वंडुमनसुधविह० अढा स्त० नाधर्मसिंह १९ सासनपतिचोवी० ४२ दोषस्त० रूगनाथजी ए For Private And Personal Use Only १० उ। समयसुंदरजी नाधर्मसिंहजी २५ मुनि वसताजी २६ ललिवलनगणिजी २८ १४ 烤麵 २३ समयसुं० ३० ३२ ३६ ३५ ४३ ४०Page Navigation
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