Book Title: Bruhat Sangrahani
Author(s): Chandrasuri
Publisher: Umedchand Raichand Master

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Page 272
________________ जाहेर खबर. 08-0 ... अमारो पासेथी जैनधर्मनां दरेक जातना उपयोगी पुस्तको मलशे. 1 पंच प्रतिक्रमण गुजराती नव स्मरण तथा जीववि चारादि चारे प्रकरणो अर्थ साथै आवृत्ति आठमी....२-८-० 2 देवसीराइ अर्थ सहित ....... ...0-80 3 जीवविचारादि चार प्र. अर्व साथ......... 4 सामायक सूत्र अर्थ साथे .. ... ... ... .. 0-1-0 5 छुटक वोलो सीधांतना शास्त्री मोटा राइपमा... 6 नवाणू प्रकारनी पूजा भाषांतर साथे ... ... 7 विविध पूजासंग्रह भाग 1-2-3-4 दरेक आचागौनी पूजाओ तथा शांतिनाथना मोटा कलश ... .....2-0-0 8 देववंदनमाला गुजराती ......... ... ...2-40 9 स्तोत्र संग्रह तथा जैन वार्षिक पों...' 10 जीन शतक टीका सहित संस्कृत ग्रंथ 0-12-0 11 नीत्य रसरणीय शेजा प्रकरण ...... 12 रत्नाकर पचीसी ... ... ... ... ... -2-6 13 देवसीराइ मल मोटा अक्षर शाखी टाइप... ...0-6-8 24 देवसीराइ गुजराती मूल मोटा टाइपमा ... ....04-8 15 दंडक प्रकरण (1) द्वारवालु शास्त्री ... .. ...0.6-8 16 दीवाली कल्प भाषांतर सहित गुजराती... ... ...0-60 ते सिवाय दरेक जात्तनां जैनधर्मनां पुस्तको तेमज छापवा छपाववाना कागलो पण अमारी पांसेथी मलशे. मलयानुं ठेकाणु:मास्तर उमेदचंद रायचंद. है. पांजरापोळ-अमदावाद -2 000

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