Book Title: Bruhad Dravya Sangraha
Author(s): Bramhadev
Publisher: Ganeshprasad Varni Digambar Jain Sansthan
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२०६
८०
पारिभाषिक शब्द] वृहद्रव्यसंग्रहः
[२५५ शब्द
पृष्ठ । शब्द निश्चय नय ४,५,७.८,६,११,१२,१३,१५,१८, | पदस्थध्यान २०१,२०२,२०४,२०५,२०६ १६,२१,२३,२४,२६,३३,३४,५१,५२,५६,६८,
२१०, २१२, २१४ ७१,७५,७७,८०,८२,८६,६२,६३,६८,६६,१०३, परमध्यान
२१६, २२० १६६,१७०,१७१,१७२,१७३,१७४,१७५,१६०, परमात्मा ४५,४७,४८,६४,६८,१५३ १६३,१६८,२०२,२०६,२१२,२१७,२१८,२१६, परमशुद्ध-निश्चय-नय ५,७,७७,८२,२०२ २२० परम क्षायिक-सम्यक्त्त्व
४१ निश्चय पंचाचार
२१३, २२१
परमाणु निश्चय मोक्ष
५०,७१,७२,२०६ २३०
परमौदारिक शरीर निश्चय मोक्षमार्ग १६०,१६१,१६२,१६३,
पर्याप्ति १६५, २२०
३०,७६
पर्यायार्थिक नय निश्चय रत्नत्रय ८१,१०४,१२६,१४८,१६१, १६२,१६३,५७०,१६५ पर्वत
१२१, १३१, १३२ निश्चय व्रत
२२५
पक्ष (अनुमान) २०८,२०६,२१० निश्चय सम्यक्त्व ४१,६५,१७५,१७६,२१३
| परावर्तन
१०४ निश्चय स्वाध्याय २१४ परिक्रम (५)
१७६ निश्चय ज्ञान १८१ परिणामी
७४,७६,८० निशांकित
१६८ | परिवार नदी नील (पर्वत) १२१,१२३,१२४,१२७,१२६ | परिषह-जय
१४५ नेमचन्द्र सिद्धान्त देव २,५,२३२,२३३
परिहार-विशुद्धि (संयम) नैगम-नय
- ४७ परोक्ष
१५, १६, १७ नैयायिक
१८४, १८६ पाखंडमत
१४६ पाण्डुपुत्र ११४,११६
१११, १६५, २२८ पङ्क-प्रभा नरक
पाप ८०,८१,८३,८४,१४८,१५७,२२४ पङ्क-भागः
| पारिणामिक भाव ३८, ३६, ७६, ८२, ८३, पञ्च-नमस्कार महात्म्य
२२१, २३० पञ्च-परावर्तन
पात्र
१२६ पञ्चाचार
२१३, २२१
पिंडस्थ (ध्यान) २०१, २०५, २०६, २१० पञ्चानुत्तर १३८, १३६, १४०, १४२, १७०
पुण्य
४०,६६ पञ्चास्तिकाय
८०,८२,८३,८४,१४८,१५१,१५७, पञ्चेन्द्रिय
१५८,१५६,१६५,२२४ पटल ११६,११७,१३८,१४०,१४१ / पुद्गल ४८,४६,७४,७५,७६,७७,८४ पद्मद १२१,१२२,१२४,९३१ | पुद्गलबंध
५१ पद्मराज १७३ | पुनर्वसु (नक्षत्र)
१३६ पद्मा (देश) १२८, १२६ | पुर (भवन)
१२० पद्मावति (देश) १२६ | पुष्करवर द्वीप
१२०,१३२
१२३
११५
४, २१७
१०४
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