Book Title: Bhushan Nam Garbhit Ek Aprakat Gahuli
Author(s): Suyashchandravijay, Sujaschandravijay
Publisher: ZZ_Anusandhan

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Page 2
________________ २८ अनुसन्धान-५९ भूषण नाम गर्भित एक अप्रगट गहुंली कुंकुम केसर घोली रोली कचोली भरी रे, रूडी कचोली भरी, गोरी गेलइ गूंहली ग्रहइ उलट धरी रे, रूडी उलट धरी, थाल सुविशाल सोना-रूपानां वारू रें, [रूडा] सोना-रूपानां वारू, माणिक मोती चोखा भरीइं संपति सारू रे, रूडी संपति सारू १ 'नलवटि टीली टबकां टीलांटींगर करी रे, रूडां टींगर करी, सुविशाल गाल लाल पीअलि भरी रे, रूडी पीअलि भरी, सीसइ सहसफूल सींथो फूलीस्युं सोहइ रे, रूडी फूलीस्युं सोहइ, वेणीबंध बांध्यो देखी मनडां मोहइ रे, रूडां मनडा मोहइ २ आंखडी अणिआली काली अंजन अंजइ रे, रूडां अंजन अंजइ, कानिं मानिं झाल अबुकइ कामीडा रंजइ रे, जेणइ कामीडा रंजइ, नाके नथ नकफूली 'वेसणकांटो रे, रूडो वेसणकांटो, पइहरी चतुरा चितिं चालइ मुंकती आंटो रे, रूडो मुंकती आटो. ३ हार हईई हरखइ हेजइ हांसडी पहिरइ रे, रूडी हांसडी पहिरइ, चीलमाला डोडी वडी मादलीआं धरइ रे, रूडां मादलीआं धरइ, बांहइ बाजुबंध बांध्या बहिरखा खलकइ रे, रूडां बहिरखा खलकइ, सोवनचूडी रूडी मांहइ माणिक झलकइ रे, रूडां माणिक झलकइ ४ रतन रंगीले जड़यो चूडलो चमकइ रे, रूडो चूडलो चमकइ, वारू “वेढ वींटी मांहइ आरीसा झमकइ रे, रूडा आरीसा झमकइ, पायपदनी(मी) झेर झांझर घूघरा घमकइ रे, रूडा घूघरा घमकइ, गजगति गेलइ गोरी चालती ठमकइ रे, रूडी चालती ठमकइ. ५ 'चादरचीर चरणाचोली चूनडी पहिरइ रे, रूडी चूनडी पहिरइ, घाटडीस्युं धुंघट ताण्यो मनडा हरइ रे, रूडा मनडा हरइ, च्यार-पांच सरिखा-सरिखी टोलइस्युं मिली रे, रूडी टोलइस्युं मिली, भगवंतभवनि आवी भास दइ भली रे, रूडी भास दइ भली ६

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