Book Title: Bhasarvagnya ke Nyayasara ka Samalochantmaka Adhyayana
Author(s): Ganeshilal Suthar
Publisher: L D Indology Ahmedabad

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Page 272
________________ शुद्धिपत्रक पन्ना अशुद्ध कल काल आ: भासर्वज्ञनने अतः मासर्वज्ञने गणकारिका न्यायवार्तिक गणकारिक न्यांयवार्तिक प्रभाणम् सयोजन 0 प्रमाणम् 0 संयोजन असाधाण असाधारण विद्ध अनुपलनिमात्र विरुद्ध अनुपलब्धिमात्र एक A दुखजन्म दुःखजन्म N सभीचीन ___E किय समीचीन किया नहीं नहाँ इत्यायारक ANA प्रमाणसमुच्य सविक पक श दार्थ ताद त्म्य अतिरिक्ति इत्याकारक प्रमाणसमुच्चय सविकल्पक शब्दार्थ तादात्म्य अतिरिक्त दृष्ट कालान्वयी ब्राह्मणत्व विश्व सामान्यवत्वे ਵਰ केवलाम्वया ब्राह्मणत्व श्वि ૧૦૮ सामान्यक्तवे Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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