Book Title: Bharateshwar Bahubali Vrutti Part_2
Author(s): Shubhshil Gani
Publisher: Devchand Lalbhai Pustakoddhar Fund

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Page 397
________________ सूर्यपुरे श्रीजिनदत्तसूरि-ज्ञानभाण्डागारे-लभ्यग्रन्थाः— ०-४-० 9-0-0 9-6-0 पंचलिंगीप्रकरणम् (सटीकं ) संदेहदोहावली (बृहद्वृत्तियुता ) जयतिहुअणस्तोत्रम् (सटीकं ) संवेगरंगशाला (सं० छाँयाऽन्विता ) प्राकृतदीपालिकाकल्पम् भक्तामरस्तोत्रम् (सटीकम् ) ०-८-० ईर्यापथिकीषट्त्रिंशिका (जयसोमीया, सटीका) १-०-० प्रश्नोत्तरमंजरी भाग ( १ - २ - ३ हिंदी ) भेट २ -८-० ०-८-० २-८० | पौषधषट्त्रिंशिका ( जयसोमीया, स० ) १-०-० पंचप्रतिक्रमणादिसूत्र (मूलमात्र, शास्त्री ) ०-१०-० २-०-० | श्रीपालचरित्रम् (सं० श्लोकबद्धम् ) भेट राइदेवसिप्रतिक्रमणसूत्र ( मूल, शास्त्री ) ०-४-० धर्म० उत्सूत्रखण्डनम् (सटीकं ) 3, ( प्रा० हिन्दी अनुवादयुतं) २ - ० - ० श्रीजिनदत्तरिचरित्र (पूर्वार्द्ध) चैत्यवन्दनकुलकम् (सटीकम् ) २-४-० श्रीजिनदत्तसूरि चरित्र (उत्तरार्द्ध) बृहत्स्तवनावली साधुपंचप्रतिक्रमणसूत्र (हिन्दी शब्दार्थयुक्त) १-०-० प्राकृतव्याकरणम् श्रावकपंचप्रतिक्रमणसूत्र (,, ,, ) १-०-० वैराग्यशतक (मूल-छाँया-शब्दार्थ- भावार्थ हर्षहृदयदर्पण ( भाग १-२ हिंदी ) 9-6-0 9-6-0 9-0-0 32 भेट सहित ) Jain Educaboyational " भेट प्राप्तिस्थानम् - श्रीजिनदत्तसूरि - ज्ञानभंडार, शीतलवाडी - उपाश्रय, ओशवाल महोल्ला, गोपीपुरा, सुरत. For Private & Personal Use Only w.jainelibrary.org

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