Book Title: Bhaktamara Rahasya
Author(s): Dhirajlal Tokarshi Shah
Publisher: Jain Sahitya Prakashan Mandir
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લકતામર રામ
विधाजते तव वपुः कलधौतकान्तम्। .
नहीं श्री श्रीपा
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जी घोरगुणाणं
शायही धरणन्द्रय
धरणन्द्रपमा
हो अह
ભક્તામરખ્યત્ર ત્રીશમો નક
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कुन्दावदातचलचामश्चारुशोभं
.:. उद्यच्छशाङ्कशुचिनिझरवारिधार
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कुरु कुरु स्वाहा
नाय अहमदृ क्षुद्रालि
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नमय स्तम्भयन
बिघ शुमन स्तम्मान
मुञ्चैस्तदं सुरगिरेरिब शातकौम्भम् ॥३०॥

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