________________ 158 भक्तामर प्रवचन भक्तामर प्रवचन हमारे यहाँ प्राप्त महत्त्वपूर्ण प्रकाशन मोक्षशास्त्र/चौबीस तीर्थंकर महापुराण/समयसार बृहद् जिनवाणी संग्रह रत्नकरण्डश्रावकाचार/मोक्षमार्ग प्रकाशक मोक्षमार्गप्रकाशक प्रवचन भाग-१, 2, 3, 4 प्रवचनसार क्षत्रचूड़ामणि समयसार नाटक सम्यग्ज्ञानचन्द्रिका भाग 1 बृहद द्रव्यसंग्रह/जिनेन्द्र अर्चना/नियमसार दिव्यध्वनिसार प्रवचन भाग 1 योगसार प्रवचन/तीन लोक मंडल विधान समयसार कलश/चिन्तन की गहराईयाँ प्रवचनरत्नाकर भाग १से 11 तक नयप्रज्ञापन/समाधितंत्र प्रवचन पण्डित टोडरमल व्यक्तित्व और कर्तृत्व समयसार अनुशीलन सम्पूर्ण भाग 1,2,3,4,5 आचार्य अमृतचन्द्र : व्यक्तित्व और कर्तृत्व पंचास्तिकाय संग्रह/सिद्धचक्र विधान ज्ञानस्वभाव ज्ञेयस्वभाव भावदीपिका/कार्तिकेयानुप्रेक्षा परमभावप्रकाशक नयचक्र पुरुषार्थसिद्ध्युपाय/ज्ञानगोष्ठी सूक्तिसुधा/आत्मा ही है शरण/आत्मानुशासन संस्कार/इन भावों का फल क्या होगा इन्द्रध्वज विधान/धवलासार रामकहानी/गुणस्थान विवेचन सुखी जीवन/विचित्र महोत्सव सर्वोदय तीर्थ सत्य की खोज/बिखरे मोती निर्विकल्प आत्मानुभूति के पूर्व तीर्थंकर भगवान महावीर और उनका सर्वोदय तीर्थ श्रावकधर्मप्रकाश/कल्पद्रम विधान वी.वि. पाठमाला भाग 1,2,3 वी.वि. प्रवचन भाग १से 6 तक तत्त्वज्ञान तरंगणी/रत्नत्रय विधान भक्तामर प्रवचन/बारह भावना : एक अनुशीलन धर्म के दशलक्षण/विदाई की बेला नवलब्धि विधान/बीस तीर्थंकर विधान पंचमेरु नंदीश्वर विधान/रत्नत्रय विधान सुखी होने का उपाय भाग 1 से 8 तक जैनतत्त्व परिचय/करणानुयोग परिचय आ. कुन्दकुन्द और उनके टीकाकार कालजयी व्यक्तित्व बनारसीदास बालबोध भाग 1,2,3 तत्त्वज्ञान पाठमाला भाग 1,2 छहढाला (सचित्र)/भ. ऋषभदेव/शीलवान सुदर्शन प्रशिक्षण निर्देशिका/जैन विधि-विधान क्रमबद्धपर्याय/दृष्टि का विषय बारसाणुवेक्खा/चौबीस तीर्थंकर पूजा गागर में सागर/आप कुछ भी कहो पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव जैनधर्म की कहानियाँ भाग 1 से 15 तक अहिंसा के पथ पर/जिनवरस्य नयचक्रम् णमोकार महामंत्र/वीतराग-विज्ञान प्रवचन भाग-५ चौसठ ऋद्धि विधान/कारणशुद्धपर्याय दशलक्षण विधान/आचार्य कुन्दकुन्ददेव पंचपरमेष्ठी विधान/विचार के पत्र विकार के नाम आचार्य कुन्दकुन्द और उनके पंच परमागम परीक्षामुख/मुक्ति का मार्ग युगपुरुष कानजीस्वामी/सामान्य श्रावकाचार अलिंगग्रहण प्रवचन/जिनधर्म प्रवेशिका मैं कौन हूँ/सत्तास्वरूप/वीर हिमाचलतें निकसी समयसार : मनीषियों की दृष्टि में व्रती श्रावक की ग्यारह प्रतिमाएँ/पदार्थ-विज्ञान मैं ज्ञानानन्दस्वभावी हूँ/महावीर वंदना (कैलेण्डर) वस्तुस्वातंत्र्य/भरत-बाहबली नाटक शास्त्रों के अर्थ समझने की पद्धति सुख कहाँ है/सिद्धस्वभावी ध्रुव की ऊर्ध्वता मैं स्वयं भगवान हूँ/णमोकार महामंत्र एक अनुशीलन रीति-नीति/गोली का जवाब गाली से भी नहीं समयसार कलश पद्धानुवाद/अष्टपाहुड़ योगसार पद्धानुवाद/कुन्दकुन्दशतक पद्धानुवाद अर्चना/शुद्धात्मशतक पद्धानुवाद षट्कारक अनुशीलन/अपनत्व का विषय