Book Title: Bhaktamar Katha
Author(s): Udaylal Kasliwal
Publisher: Jain Sahitya Prasarak karyalay
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भाषास्वभावपरिणामगुणैः प्रयोज्यः ३५
• ल्लो
स्वर्गापवर्गगममार्गविमार्गोष्ट : नहीं एामो सहपत्ताए ॐ नमोजय_
नमोग
॥ यंत्र३५ ॥
सुधायस्वाहा।
. स्वाहा
नमः
545
गम
पर्य कल्यास मुत
सद्धर्मतत्त्वकथनैकपटुस्त्रिलोक्याः । सजिने महालक्ष्मी मृत
रक्ष
वर्षिणी अमृतस्त्राविणीप्रमृतंभव भववषद्
दिव्यध्वनिर्भवति ते विशदार्थसर्व
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