Book Title: Bhagvati Sutram Part 05
Author(s): Sudharmaswami,
Publisher: Hiralal Hansraj
View full book text
________________
Shri Mahavir Jain Adana Kendra
व्याख्याप्रज्ञप्तिः ॥१०८४ ॥
www.kobatirth.org
लेश्याने ढांकीने पाछो वळे त्यारे मनुष्यलोकमां मनुष्यो कहे छे के, 'ए प्रमाणे खरेखर राहुए चंद्रने वम्यो.' वळी ए प्रमाणे ज्यारे राहु आवतो के यावत्- कामक्रीडा करतो चंद्रना प्रकाशने नीचेथी, चारे दिशाथी अने चारे विदिशाथी आबरीने ढांकीने रहे त्यारे मनुष्यलोकमा मनुष्यो कहे छे के 'ए प्रमाणे खरेखर राहुए चंद्रने ग्रस्यो. '
कतिविहे णं भंते! राहू पन्नत्ते ?, गोयमा ! दुविहे राहू पन्नत्ते ?, तंजहा-धुवराहू पञ्चराहू य, तत्थ णं जे से धुवराहू से णं बहुलपक्खस्स पाडिवए (ग्रन्थाग्रं८०००) पन्नरमतिभागेणं पन्नरसहभागं चंदस्स लेस्सं आवरेमाणे २ चिट्ठति, तंजहा- पढमाए पढमं भागं बितियाए वितियं भागं जाब पन्नरसेसु पन्नरसमं भागं, चरिमममये चंदे रत्ते भवति, अवसेसे समये चंदे रत्ते वा विरत्ते वा भवति, तमेव सुकपक्ग्वस्स उवदंसेमाणे उव० २ चिट्ठति पढमाए पढमं भागं जाव पन्नरसेसु पन्नरसमं भागं, चरिमसमये चंदे विरत्ते भवइ, अवसेसे समये चंदे रत्ते वा विरते वा भव, तस्थ णं जे से पव्वराहू से जहन्नेणं छण्हं मामाणं उक्कोसेणं बायालीमाए मासाणं चंदस्म, अडयालीसाए संवच्छरणं सूरस्म || ( सूत्रं ४५३ ) ॥
[प्र०] हे भगवन् ! राहु केटला प्रकारना कला छे ? [3] ] हे गौतम! राहु वे प्रकारना कह्या छे, ते आ प्रमाणे - ध्रुवराहु (नित्यराहु ) अने पर्वराहू. तेमां जे ध्रुवराहु छे ते कृष्णपक्षना पडवाधी मांडीने (प्रतिदिवस ) पोताना पन्नरमा भागवडे चन्द्रलेश्याचन्द्रबिम्बसम्बन्धी पन्नरमा भागने ढांकतो २ रहे छे, ते आ प्रमाणे- एकमने दिवसे प्रथम भागने ढांके छे, बीजना दिवसे बीजा भागने ढांके छे, ए प्रमाणे यावद्-अमावास्याने दिवसे चंद्रना पंदरमा भागने ढांके छे; अने कृष्णपक्षने छेल्ले समये चंद्र रक्त-सर्वथा
Acharya Shri dagarsuri Gyanmandir
For Private And Personal
१२ शतके
उद्देशः ६ १०८४ ॥

Page Navigation
1 ... 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 ... 524