Book Title: Bhagvati Sutra Part 05
Author(s): Ghevarchand Banthiya
Publisher: Akhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh

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Page 526
________________ भगवती सूत्र - श. १७ उ. १४, १५ नागकुमारादि के आहार की सम-विषमता २६४३ १ उत्तर - हे गौतम ! सोलहवें शतक के ग्यारहवें द्वीपकुमार उद्देशक के अनुसार यावत् ऋद्धि पर्यंत जानना चाहिये । शतक १७ उद्देशक १४ १ प्रश्न - सुवण्णकुमारा णं भंते ! सव्वे समाहारा० ? १ उत्तर - एवं चेव । || सत्तरसमे सए चोसमो उद्देसो समत्तो ॥ भावार्थ - १ प्रश्न - हे भगवन् ! सभी सुवर्णकुमार समान आहार वाले हैं, इत्यादि प्रश्न | Jain Education International १ उत्तर - हे गौतम ! पूर्ववत् । शतक १७ उद्देशक १५ १ प्रश्न - विज्जुकुमारा णं भंते ! सव्वे समाहारा० ? १ उत्तर - एवं चेव । | सत्तरसमे सप पण्णरसमो उद्देस समत्तो ॥ भावार्थ - १ प्रश्न - हे भगवन् ! सभी विद्युत्कुमार समान आहार वाले हैं, इत्यादि प्रश्न | १ उत्तर - है गौतम ! पूर्ववत् । For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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