Book Title: Bhagvati Sutra Part 04
Author(s): Ghevarchand Banthiya
Publisher: Akhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh

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Page 10
________________ पृष्ठ क्रमांक विषय पृष्ठ | क्रमांक विपय उद्देशक ९ उद्देशक ११ ३९९ राजर्षि शिव का वृत्तांत १८७४ | ४०४ सुदर्शन सेठ के काल विषयक उद्देशक १० प्रश्नोत्तर १९२३ ४०० लोक के द्रव्यादि भेद १८९६ | ४०५ महाबल चरित्र ४०१ लोक की विशालता . १९०६ उद्देशक १२ ४०२ अलोक की विशालता १६०६ ४०६ श्रमणोपासक ऋषिभद्र पुत्र की ४०३ आकाश के एक प्रदेश पर जीव की धर्मचर्चा १९६० प्रदेश नतंकी का दृष्टान्त १९११ - ४०७ पुद्गल परिव्राजक शतक १२ उद्देशक १ । | उद्देशक ६ ४०८ श्रमणोपासक शंख पुष्कली १९७१ ४१८ चन्द्रमा को राहु ग्रसता है ? २०६० उद्देशक २ ४१९ नित्य राहु पर्व पाहु २०६४ ४०९ जयन्ती श्रमणोपासिका १९८६ | ४२० चन्द्र सूर्य के भोग २०६७ • ४१० जयन्ती श्रमणोपासिका के प्रश्न १६८९ उद्देशक ७ . उद्देशक ३. ४२१ बकरियों के बाड़े का दृष्टान्त २०७० "४११ सात पृथ्वियां ४२२ जीवों का अनन्त जन्म-मरण २०७३ . १९९८ उद्देशक ४ उद्देशक ८ ४१२ परमाणु और स्कन्ध के विभाग २००० ४२३ देव का नाग आदि में उपपात २०८२ ४१३ पुद्गल परिवर्तन के भेद २०३१ उद्देशक ९ उद्देशक ५ ४२४ भन्यद्रव्यादि पांच प्रकार के देव २०८६ ४१४ पापकर्म के वर्णादि पर्याय २०४६ उद्देशक १० ४१५ विरति आदि आत्म-परिणाम २०५१ ४२५ आत्मा के आठ भेद और ४१६ अवकाशान्तरादि में वर्णादि २०५३ उनका सम्बन्ध . २१०५ ४१७ कर्म परिणाम से जीव के ४२६ आत्मा का ज्ञान अज्ञान और दर्शन २११५ विविध रूप २०५९ | ४२७.पृथ्वी आत्मरूप है ? २११७ | ४२८ परमाणु आदि की सद्रूपता २१२० Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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