Book Title: Bhagirath Kosh
Author(s): Dinanath Kaul
Publisher: Navalkishor Press

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Page 332
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org भागीरथ कोष. Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir J2, (ह) ( वबाल ) बिपत, बुरा समय । ४) (i) ( घतीरा ) प्रकार, ढंग, बानि, प्रकृति । ( ) ( वसीक़ा ) जीविका, तनख्वाह, वजीफा । (६) ( वजाहत ) सुन्दरता । 1, (ह) ( वग्द ) प्रेम, भक्ति, लौलीन होना । Jotirga, (c) (वर्जेमुफ़ासिल) जोड़ों में पीड़ा । 2), (६) ( वजूद ) शरीर, देह । ( ( ( ) ( वजह ) कारण, तरह । A) ( ) ( वहीदत ) अकेला होना, निराला, केवल होना । (६) ( वहशत ) सिड़, बाबलापन । (E) ( वहशी ) जंगली, सिड़ी। (ह) ( वही ) श्राकाशवाणी । (a) ( ) ( वहीद ) निराला, अकेला । हो, (६) ( विदा ) जाना, अलग होना, रुरूपत होना । "" ({}{ 'विरासत } पुरुखों का माल धन, दाय । (६) " lib)), ( 2 ) ( वररैहना ) जीतना, बढ़ना । (i) (3) ( वरज़िश ) कसरत, व्यायाम, परिश्रम, कुश्ती । ३२७ बहकाना, फुसलाना । पन्ना, पत्र । Uni), (i) ( बरगलाना ) 3)" ( १ ) ( वरक़ ) ,,, ( ४ ) ( (), ( ६ ) ( ” ( ४ ) ( वरला ) इस तरफ़ का । वरम ) सूजन | वरे ) इधर । / ( 2 ) (विज़ारत) वज़ीर का दफ़्तर, मन्त्री का न्याय स्थान | For Private and Personal Use Only

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