Book Title: Bhagirath Kosh
Author(s): Dinanath Kaul
Publisher: Navalkishor Press

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Page 331
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ३२६ भागीरथ कोष. (E) (वारिद ) आना, पहुँचना । (४) (वारना ) बलिहार होना, सदके होना या करना। demy (४) ( वास्ता ) रिश्ता, सबब, वजह, कारण । vi-1 (E) ( वासोक्त) एक प्रकार की कविता है। col (E) (वाज़ह ) मालूम, जाहिर, विदित । 6 (E) ( वाजे ) बनानेवाला, रचनेवाला । Rel, (E) (वाएज़ ) शिक्षक, उपदेशक । HI (E) (वाफ़िर) बहुत, बहुधा, अधिक । 5. (E) ( वाफ़ी ) बहुत । MT (E) ( वाक़ ) जगह, प्रकाश होना । List (E) (वाकिफ़) जाननेवाला । CANT (E) (वाकफ़ियत) जान पहिचान । (६) ( वाला ) मालिक । (E) (वालिद ) बाप, पिता, तात, जनक । xaJI (E) ( वालिदा) माता, महतारी, माँ, जननी । I (E) ( वालिदैन) माता, पिता । I (E) ( वाली ) मालिक, स्वामी । (B) ( वाम ) करज़ा, दैन, ऋण । 17 (४) ( वान )वाला, मालिक । 297 (3) ( वावैला) रोना, पीटना । sh (3) ( वाह ) बहुत अच्छा, शाबाश । PA (E) ( वहम ) चिन्ता, शंका, संदेह, भ्रम । al () ( वाही ) मूर्ख, कुमति, सीधा । ७ (E) ( वाय ) अफसोस, शोक । ५, (६) ( वबा ) बीमारी, मरी। . For Private and Personal Use Only

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