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० विकिया सर्व बंधन
बंधको मृत
बभूतरजहा अक्का से गोदास मया। ताक मादारिका राजा विक्रिम प्रतिपद्यमान एक समय सधै बधक घश्त्र द्वितीय समया नारकीय वाता माहि कप न तो मम सर्व बकं । इणिमिलिस मयर सर्व बंधन का नजा वि३॥ दिनाबोध हा के समय नि० कथं दो रिकशरीरी विक्रियते । प्रतिपद्यमानः प्रधम समाय सर्व बंधको नवति। narajaसांत काल अकव शिंदा ॥ गामह बाधा दाम ए एक्केस भयो अक्का सणांदा नेएकसमयेनि रजघन्ययकसम समय दिमाभादाण एवं समयं शासति सागरा माइंस माझे वाकातिया वा विविध बा०] तो ऊत्तं नर कराराराविक्रिय, गिदियांदा बियाणासaaral uसमर्थ दस बांध | अदास के समर्थ अकास श्रोतासा 03कंचा त -45ऊन कश्यपतिरतिथा।।।मघ अधिपस मयोदशधा दसवा ससद नरपसु ! चला माईति समझ गई अक्वा सा गाराथनम 10जावादसत्रमानवशद बांध निश्यिम एखाद बंधक प्राणियावित साति समझा काय गरी माइसमा द्या। जानुका सिया समझा पंविदियति मास के पर कारिकाजालिया मस्साए दावा काति याएं। अमरकुमार नागकुमारजापतेरी मारि विद्यातियापदान रतिया नवरं संागि तासाला लिया। जो ताराववातियापास яяя इस समय दोहा कत्री सागरावमा तितिसमा वि धियमरारायाग कारणिकार वितरणात कालकविशदाता संवधता कंसमर्थ अकासका तावाद लिया पंचसाखऊ तिलागाए वादसंवैधता का रियाद धियंस
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मयजा शिव ॥ १.९ वाचकाय नावकिती किमा उदारिक शरीरी वायु ! विक्रियगत तिांत्रघम सम सर्व बंधक घालावा उपन एम तो तर विशेष प शरीर इस बंधन गतवार तदनन् यप्रावस्था सामाक्रिया किनवार । पयसाधया पर विक्रियवार प्रारंभ तिि तोत्रमसमबंधक विन अंतर ॥११॥
मयलगीसववध कबीजश्समशद
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