Book Title: Bhagavati Sutra
Author(s): Sudharmaswami, 
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 1128
________________ षोमनुष्पा देवकुए वडत्यद्यांत नति र्यकुशति ॥६॥७॥ लधी सति सुवि गमपसु० लभिः तम्पा तिपनवारण जन्दापण तिपलियवमदिति का मपतिपलियम दितिय । श्रवासमतचे परिमाणादू का से वारंपरिमाएं| उगादष्णायऊदा तम्मत तियागम ॥ लवादादा लक्षण शंका ला दासा व्वस्पविषुपि पडदाह्मणं तिपलिश्वमाइंड नाकाडी एश दिया। ग्राम पतिपिपलमा उहाकाड़ी मछत्राद्यष्यतो झदिया। एवं सियं दिमाम्म ति अथवा किस सिम अस्मपि संमिश्रमनिवानांगमा म अस्मसिमास्म लोन (जल विपणे चिंदिय तिरिरक व वासरणं लोकवतिकाले गोड प्रयोगमाः सेनव ध्येयाद्योएव शह दाता मुगका (माधव काडी। दिगमसु तिजघन्यूनायि देवपदविका संववऊमाणसा (मावदो दावेव श्रम मिस्साव दियमा मशितोषवीत ऊत्रीस्टनिक चानू मतिगमनादणिश्वासनापियन दिस मिस्त्र किंसाखऊ वासाभ्यमभिमतस्पर्शते। एच प्रस्ताव वा साउथसे सिमटा ॥गा संखितया साज्यांना विद्यावासा यदिमाखानं । कंपकता गातमा एकता अपना सोखवा सायंसा यतिर्यग देश के ऊ विषयंविदिया। संज्ञियं वदिय तिश्विक उदय कितना तगादाता मुशका सांगतिपलिदमदिति ਤ नियन्यः पविि यतिर्यगू उत्पादा धिकार नौ संखे जवासा उपनि सख्यात ad

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