Book Title: Bhagavati Sutra
Author(s): Sudharmaswami, 
Publisher: ZZZ Unknown

View full book text
Previous | Next

Page 1144
________________ मग दिवसांत कवतिका लगा जाम लिवर मंदितिएखादाका मोतिपलिश्वमंडितपसुप्रभातीला वामसं हा जाति सिप सुवक्रमा समाव सम्म दिनी शिमदिन वि॥एगा। सम्मा मिब दिदी । एएए। विद्याणी शिंदा पाणा | दाण पायि मंहिता जाम एलिगमा अकासे तिपियलि व माई। एवं दोधा विशास से ताश काला दासगंज दाम गदा पलिया वमा अक्काबण लिउमाईएव तिथे सो चवजहण काल द्वितिय व साdaaau] / एaiकाला, दामागंड रिएलिनवमावतियांसादाकासक दास्पदा लिउयमाई | कासवता द्वितिय सवारमा। जहा तिमलिन। माझे अक्का सण वितिपलिङमा एमा तवया । एवरं द्वितीदातिमिपलिवमाशासण वितिनियलिन रमाई। समतावा वाकाला दासी दाम उलिवमा कासाविव लिनुमा साप णाऊद स्पकाल द्वितिगुना जहागणपति महितिपख उद्यास विपत्ति महिती एस। एसा चव

Loading...

Page Navigation
1 ... 1142 1143 1144 1145 1146 1147 1148 1149 1150 1151 1152 1153 1154 1155 1156 1157 1158 1159 1160 1161 1162 1163 1164 1165 1166 1167 1168