Book Title: Bhagavati Aradhana
Author(s): Shivarya Acharya
Publisher: Jain Sanskruti Samrakshak Sangh Solapur

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Page 988
________________ जदिदा सुभाविदप्पा जदि दिवसे संचिट्ठदि जदि धरिसण मेरिसयं जदि पवयणस्स सारो जदि मूलगुणे उत्तर जदि वा एसण कीरेज्ज जदि वा सवेज्ज संतेण जदि वि कहंचि वि गंथा जदि विक्खादा भत्तप जदि वि य से चरिमंते जदि वि विकिचदि जंतू जदि विसमो संथारो जदि विसयगंधहत्थी जदि विसयं थिरबुद्धी जदि सो तत्थ मरिज्जो जदि होज्ज मच्छियापत्त हि अग जध उग्गविसा उरगो जध करिसयस्स धण्णं ज कोडिसमिद्धो वि ज तंडुलस को ध भिक्खं हिडंतो जध सण्णद्घो पग्गहिद जमणिच्छंती महिलं जम्मण अभिणिक्खवणे जम्मणमरणजलोघं जम्मसमुद्दे बहुदोसवीचिए जम्हा असच्चवयणादिएहि जम्हा चरित्तसारो जम्हा णिग्गंथो सो जम्हा सुदं वित्तक्कं जम्हा सुदं वितक्कं जहिय वारिदमेत्ते जलचंदणससिमुत्ता Jain Education International गाथानुक्रमणिका पृ० गा० ८५३ १९४२ ८६८ १९९१ ३७५ ४९६ ૪૦ १८ ४११५८६ ८६३ १९७१ ६७६ १४१६ ५७९ ११३६ ८६३ १९७३ ७४८ १६८५ ५८३ ११५५ ८६५ १९७९ ६७३ १४०६ २९२ ३३५ ५७८ ११३१ ५५० १०३३ ५७९ ११३७ ६६३ १३६२ ६६३ १३६१ ६६६ १३७६ ८४६ १९११ ६५३ १३२९ ६५३ १३२८ ५२६ ९२५ १८२ १४५ ९०५२१५२ ८०९१८१५ ४८६ ७९० ३५ १४ ५८७ ११६६ ८३५ १८७५ ८३७ १८७८ १७७ १४० ५०३ ८२९ जलिदो ह कसायग्गी जल्लविलित्तो देहो जस्स पुण उत्तमट्ठम जस्स पुण मिच्छदिट्ठिस्स जस्स य कदेण जीवा जस्स वि अन्वभिचारी जह अप्पणो गणस्स य जह आइच्चमुदितं जह इंधणेहि अग्गी जह इंधणेहि अग्गी जह इधणेहि अग्गी जह कवचेण अभिज्जेण जह कंटएण विद्धो जह कंसिय भिंगारो जह कुंडओ ण सक्को जह कोइ तत्तलोहं जह कोई लोहिदकयं जह कोडिल्लो अग्गि जह गहिदवेयणो विय जह जह गुणपरिणामो जह जह णिव्वेदसमं जह जह भुंजइ भोगे जह जह मण्णेt णरो जह जह वयपरिणामो जह जह सुदमोग्गाहदि जहण करेदि तिगिछं जह णाम दव्वसल्ले जहीरपि कडु पियं दुक्खं जहदि व णिययं दोसं जह धरिसिदो इमो तह जह पक्खुभिदुम्मीए जह पत्थरो पडतो जह परमण्णस्स विसं For Private & Personal Use Only ९२१ पृ० गा० २६४ २६८ १२८ ९४ ४४९ ६८३ १०२ ६० १७७ १३९ ११३ ७७ ६९२ १४७८ ७७२ १७३५ ६३१ १२५८ ७३९१६४९ ६४५ १९०७ ७४५ १६७६ ३९३ ५३८ ४०९ ५८१ ५७११११४ ६६१ १३५६ ४१६ ६०६ ६२८ १२४५ ६९० १४७० २८४ ३१७ ८१८१८५८ ६३१ १२५६ ५३३ ९५२ ५५९१०६५ १३७ १०४ ३५८ ४५५ ३६२ ४६६ ६७४ १४०९ ४८० ७७६ २९६ ३५२ ३७४ ४९४ ३७८ ५०५ ८४६ १९०८ ५०५ ८३९ www.jainelibrary.org

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