Book Title: Bhagavati Aradhana
Author(s): Shivarya Acharya
Publisher: Jain Sanskruti Samrakshak Sangh Solapur

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Page 1015
________________ ९४८ भगवती आराधना प० उभय शुद्धि उपमा सत्य उवसंपा समाचार २०१ ३८० ३७,१४७ एकत्व वितर्क अवीचार एकत्व भावना एकान्त मिथ्यात्व एषणा समिति ८६,३७९ २४७ ओसण्ण मरण पृ० १४५ ग ६०२ गच्छ प्रतिबद्ध अथालन्दक गिद्धपुट्ठ मरण गुप्ति ८३७ ८३४ चारित्र ४६ चारित्राचार ६०४ चिकित्सा दोष चैत्य अवर्णवाद चैत्य वर्ण जनन च्यावित . ११३ च्युत ( शरीर ) ६७ छेद (प्रायश्चित्त) ५५ जनपद सत्य जिन कल्प जिन वचन जीवाधिकरण ज्ञायक शरीर अर्हन्नाम १५५ ज्ञानाचार ३५७ ८८ ४७१ ४७० औत्सर्गिक लिंग औपशमिक सम्यक्त्व २०५ २२२ १४७ १९,२४२ ४९४ ८४ ~ ८६,३१९ 10 १५८ ठविद १४१ कक्व कुशील कन्दर्प भावना कषाय कायक्लेश कायगुप्ति कायोत्सर्ग काल प्रतिक्रमण काल प्रतिसेवना काल प्रत्याख्यान काल संसार किल्विष भावना कुशील मुनि कुहन कुशील कौतुक कुशील (मुनि) क्षायिक सम्यक्त्व क्षायोपशमिक सम्यक्त्व क्षेत्र प्रतिक्रमण क्षेत्र प्रतिसेवना क्षेत्र प्रत्याख्यान क्षेत्र संसार ३४२,७९१ २२२ तद्भव मरण ८५४ तद्वयतिरिक्त द्रव्याहन ८५५ तपाचार ८५४ त्यक्त (शरीर) ८४ ८६, ३१९ ४७१ ६७ दर्शनाचार १५५ दायक दोष १५६ दूत कर्म दोष १५८ देह बकुश ३४२,७९० द्रव्य क्रीत २४८ २४७ ८४४ २४६ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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