Book Title: Atmanand Prakash Pustak 018 Ank 11
Author(s): Jain Atmanand Sabha Bhavnagar
Publisher: Jain Atmanand Sabha Bhavnagar

View full book text
Previous | Next

Page 27
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir વર્તમાન સમાચાર. 3०७ जयन्ती उत्सव, आज ज्येष्ठ शुक्ल अष्टमी संवत् १९७८ तदनुसार ता. १३ जुन सन १९२१ को अम्बाला शहरमें अखिल श्वेताम्बर जैनोंकी दुकानें बन्द रही। और श्री प्रा. स्मानंद जैन सभामें श्री मुनि विजयानंदसूरि हाराजका जयन्ती उत्सव मनाया गया। __ प्रातःकाल श्रीलाला चाँदनमलजीने मुनि महाराजका संक्षिप्त चरित्र पढकर सुनाया, और आपने कहा कि उक्त महाराजके शोकमें केवल दो अश्रु ही नही वहाना चाहिये, अपि तु उनके बतलाये हुए सत्यमार्गपर चलकर मुनि महाराजकृत उपकारोंसे उत्तीर्ण होना हमारा कर्तव्य है.' तदनन्तर पं. प्रपदत्त शास्त्रीजीने मुनि महाराजका संस्कृत स्तोत्र तथा हिन्दी स्तोत्र सुनाया ( जो कि अन्यत्र प्रकाशित हैं )। - तत्पश्चात् जेन हाइस्कूलके विद्यार्थी शालिग्रामने बडी मधुरवाणीसें भजन गाये । एवं विलायतीराम विद्यार्थीने "जैन धर्मकी प्राचीन तथा अर्वाचीन दशा" विषयक निबन्ध पढा। तदनन्तर जैन हाईस्कूलके सुयोग्य अध्यापक विलायतीलालजीने शेर ( उर्दू कविता ) पढी। सायंकाल पं० ब्रह्मदत्त शास्त्रीजीका व्याख्यान तथा अन्य कितने ही सज्ज. नोंके व्याख्यान तथा भजन हुए। ___ मन्त्री श्री आत्मानंद सभा-अंबालाशहर गुरु स्तुति. कालांकवसुचन्द्रार्के ज्येष्ठमासे सिते दले । प्रतिपद् गुरुवारे स: गुरुरायान्महीतले ॥१॥ यस्मिन् गर्जति संसदि प्रवदिनो दुर्वादवादा जनाः भेजुः कौशिकवेषमम्बरमणौ दीप्ते दिवावान्तरे । सोऽष्टम्या दिवसे विहाय भुवनं निवाणमाप्तः पदं न्यायाम्भोधिमहामुनीन्द्रविजयानन्दाभिधः सूरिगट् ॥२॥ सिद्धान्तानखिलान् खलानपि बुधो योऽयोधयद्धा ध दीक्षां नारिनरानतान्प्रदददे श्रीजैनधर्मस्य च । सोऽष्टस्या दिवसे विहाय भुवनं निर्वाणमाप्तः पदं न्यायाम्भोधिमहामुनीन्द्रविजयानन्दाभिधः सूरिराट् ॥शा For Private And Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 25 26 27 28 29 30