Book Title: Ashtapahud
Author(s): Kundkundacharya, 
Publisher: Todarmal Granthamala Jaipur

View full book text
Previous | Next

Page 387
________________ ३४९ गाथा ६२ १३६ १७६ ग १६७ १४२ २२ १४३ अकारादि-अनुक्रम से गाथा सूची गाथा एएण कारणेण य एए तिण्णि वि भावा एए तिण्णि वि भावा एएहिं लक्खणेहिं य एक्केक्कंगुलिवाही एगो मे सस्सदो अप्पा एग जिणस्सरूवं एरिसगुणेहिं सव्वं एवं आयत्तणगुण एवं चिय णाऊण य एवं जिणपण्णत्तं एवं जिणपण्णत्तं एवं जिणेहि कहियं एवं बहुप्पयारं एवं सहिओ मुणिवर एवं सावयधम्म एवं संखेवेण य GWWG ११० २८७ २४ गिया खणणुत्तावणवालण खयरामरमणुयकरं ६७ १५२ | गइ इंदियं च काये गसियाई पुग्गलाई गहिउज्झियाई मुणिवर गहिऊण य सम्मत्तं १२३ | गाहेण अप्पगाहा गिण्हदि अदत्तदाणं गिहगंथमोहमुक्का २९९ गुणगणमणिमालाए २८७ गुणगणविहूसियंगो ३४० गुणठाणमग्गणेहिं य ३१६ चउविहविकहासत्तो ८६ चउसट्ठिचमरसहिओ चक्कहररामकेसव चरणं हवइ सधम्मो ३०९ चरियावरिया वदसमिदि चारित्तसमारूढ़ो चित्तासोहि ण तेसिं ३०६ चेइय बधं मोक्ख १५० चोराण लाउराण य ३१४ ११५ २३२ २९६ १०६ २९ २३२ क २२३ MrmuwV30 or 009 ०४Pror २९५ २३४ | कत्ता भोइ अमुत्तो कलह वाद जूआ कल्लाणपरम्परया काऊण णमुक्कार काऊण णमोकारं कालमणतं जीवो किं काहिदि बहिकम्म किं जपिएण बहुणा किं पुण गच्छइ मोहं किं बहुणा भणिएणं कुच्छियदेव धम्म कुच्छियधम्मम्मि रओ कुमयकुसुदपसंसा केवलिजिणपण्णत्तं कोहभयहासलोहा कंदप्पमाइयाओ कंदप्पाइय वट्टइ कंदं मूलं बीयं । २८८ १९१ छज्जीव छडायदणं २१३ | छत्तीसं तिण्णि सया छह दव्व णव पयत्था २९१ | छायालदोसदूसिय २१९ ३२८ जइ णाणेण विसोहो | जइ दंसणेण सुद्धा जइ विसयलोलएहि १३८ | जरवाहि जम्ममरणं ३१२ || जरवाहि दुक्खरहिय १९२ | जलथलसिहिपवणंबर ३३८ १६३ ८० ३३८ 3 ।

Loading...

Page Navigation
1 ... 385 386 387 388 389 390 391 392 393 394