Book Title: Arihant
Author(s): Divyaprabhashreji
Publisher: Prakrit Bharati Academy

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Page 304
________________ परिशिष्ट २७१ . . . . __(संस्कृत) ९४. योगबिन्दु सटीक श्री हरिभद्रसूरि, जैन धर्म प्रसारक सभा • (संस्कृत) भावनगर वि. संवत् १९६७. ९५. योगदृष्टि समुच्चय श्री हरिभद्र सूरि भगवत्प्रणीतौ स्वोपज्ञविवरण योगबिन्दुक्य श्री जैन ग्रन्थ प्रकाशक सभा सन् १९४४. ९६. योगदृष्टि समुच्चय ग्रंथकर्ता-श्री हरिभद्राचार्य (संस्कृत-गुजराती) प्रकाशक-मनसुखलाल ताराचंद महेता,. होर्नबी रोड, बम्बई १ ९७. योगबिन्दु सटीक श्रीमान् हरिभद्रसूरि विरचित (संस्कृत) लेखक-एल. स्वेली जैन प्रकाशक सभा भावनगर, वि. सं. १९६७. ९८. योगशास्त्र (स्वोपज्ञ विवरण) श्री हेमचन्द्रसूरि, जैन प्रसारक सभा, भावनगर, वि. सं. १९८२. ९९. योगशास्त्र ग्रंथकर्ता-कलिकालसर्वज्ञ श्री हेमचन्द्राचार्य (संस्कृत-हिन्दी) अनुवादक : मुनि श्री पद्मविजयजी . संशोधक एवं संपादक, मुनि श्री नेमिचन्द्रजी संजय साहित्य प्रकाशन-जयपुर ई. सन् १९७५ १00. रत्नकरण्ड श्रावकाचार की समंतभद्राचार्य विरचित टीकाकार-पं. .: भाषा टीका खूबचन्द्रजी जैन शास्त्री (रत्नत्रय चन्द्रिका प्रथम भाग) (संस्कृत-हिन्दी) श्रीमद् राजचन्द्र प्रकाशक : रावजीभाई छगनभाई देसाई (गुजराती) सन् १९६४. १०२. रायपसेणइय-सुत्तं मलयगिरिकृत वृत्ति सहित,. (अर्धमागधी-संस्कृत) संपादक पं. बेचरदास जीवराज दोशी, प्रकाशक-शंभुलाल जगशी शाह, अहमदाबाद. वि.सं. १९९४. . १0३. लब्धिसार : (संस्कृत) श्री नेमिचन्द्राचार्य सिद्धांत चक्रवर्ती विरचित (क्षपणासारगर्भित) पं. मनोहरलाल शास्त्रीकृत संस्कृत छाया प्रकाशक निर्णयसागर प्रेस, मुंबई सन् १९१६ .१०१.

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