Book Title: Arihant
Author(s): Divyaprabhashreji
Publisher: Prakrit Bharati Academy

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Page 309
________________ 8988 अरिहंत-प्रीति अरिहंत-स्मृति ॥ अरिहंत से प्रीति यानी समस्त जीवसृष्टि से प्रीति ! ! अरिहंत की स्मृति यानी हमारी अपनी स्मृति !! अरिहंत की स्मृति यानी अन्य समस्त की विस्मृति ! अरिहंत की स्मृति यानी सहजानन्द की अनुभूति ! अरिहंत की स्मृति यानी परम प्रसन्नता की प्राप्ति ! अरिहंत की स्मृति यानी जनम-जनम की जागृति ! अरिहंत की स्मृति यानी समस्त विकारों की समाप्ति ! अरिहंत की स्मृति यानी समस्त तनावों से मुक्ति ! अरिहंत की स्मृति यानी समस्त विकल्पों से निवृत्ति ! प्रीति + स्मृति = शांति - शांति - शांति !

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