Book Title: Aptamimansa
Author(s): Vijay K Jain
Publisher: Vikalp Printers

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Page 7
________________ मंगल आशीर्वाद - परमपूज्य आचार्यश्री विद्यानन्द जी मुनिराज सर्वान्तवत्तद्गुणमुख्यकल्पं सर्वान्तशून्यं च मिथोऽनपेक्षम् । सर्वापदामन्तकरं निरन्तं सर्वोदयं तीर्थमिदं तवैव ॥ आचार्य समन्तभद्र, युक्त्यनुशासनम्, गाथा 62 (v)

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