Book Title: Apbhramsa Abhyas Uttar Pustak Author(s): Kamalchand Sogani, Shakuntala Jain Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy View full book textPage 6
________________ पाठ संख्या पाठ 28 पाठ 32 पाठ 36 पाठ 40 158 159 160 पाठ 43 पाठ 45 पाठ 47 पाठ 49 विषय पृष्ठ संख्या हेत्वर्थक कृदन्त 154 अकारान्त पुलिंग संज्ञा 155 (एकवचन, बहुवचन) अकारान्त नपुंसकलिंग संज्ञा 157 (एकवचन, बहुवचन) आकारान्त स्त्रीलिंग संज्ञा (एकवचन, बहुवचन) वर्तमान कृदन्त भूतकालिक कृदन्त (भाववाच्य) अकर्मक क्रियाएँ (भाववाच्य) 161 विधि कृदन्त (भाववाच्य) सकर्मक क्रियाएँ एवं मिश्रित वाक्य कर्मवाच्य भूतकालिक कृदन्त (कर्मवाच्य) विधि कृदन्त (कर्मवाच्य) विविध कृदन्त-द्वितीया सहित 168 संज्ञा, चतुर्थी, षष्ठी (एकवचन, बहुवचन) 169 संज्ञा, पंचमी (एकवचन) संज्ञा, सप्तमी (एकवचन) संज्ञा, सम्बोधन (एकवचन, बहुवचन) .. विविध सर्वनाम अव्यय 162 163 पाठ 52 पाठ 55 165 166 167 पाठ 57 पाठ 62 पाठ 64 पाठ 69 पाठ 70 पाठ 74 170 170 पाठ 76 . .. 171 पाठ 79 171 पाठ 80 172 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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