Book Title: Apbhramsa Abhyas Uttar Pustak Author(s): Kamalchand Sogani, Shakuntala Jain Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy View full book textPage 4
________________ प्रकाशकीय अपभ्रंश अभ्यास सौरभ अभ्यास संख्या अभ्यास - 1 अभ्यास- 2 अभ्यास - 3 अभ्यास - 4 अभ्यास- 5 अभ्यास- 6 अभ्यास - 7 अभ्यास - 8 अभ्यास - 9 अभ्यास - 10 अभ्यास-11 अभ्यास - 12 अभ्यास- 13 अभ्यास - 14 अभ्यास - 15 अभ्यास - 16 अभ्यास- 17 अभ्यास - 18 अभ्यास - 19 अभ्यास- 20 अभ्यास- 21 Jain Education International अनुक्रमणिका विषय वर्तमानकाल विधि एवं आज्ञा अतिरिक्त अकर्मक क्रियाएँ वर्तमानकाल, विधि एवं आज्ञा वर्तमानकाल, विधि एवं आज्ञा भविष्यत्काल मिश्रित वाक्य • सम्बन्धक भूतकृदन्त हेत्वर्थक कृदन्त सम्बन्धक एवं हेत्वर्थक कृदन्त अकारान्त पुल्लिंग संज्ञा (एकवचन) अकारान्त पुल्लिंग संज्ञा (बहुवचन) अकारान्त नपुंसकलिंग संज्ञा (एकवचन ) अकारान्त नपुंसकलिंग संज्ञा (बहुवचन) आकारान्त स्त्रीलिंग संज्ञा (एकवचन ) आकारान्त स्त्रीलिंग संज्ञा (बहुवचन) संज्ञाओं के मिश्रित वाक्य भूतकालिक कृदन्त ( कर्तृवाच्य) वर्तमान कृदन्त भूतकालिक कृदन्त (भाववाच्य ) मिश्रित वाक्य पृष्ठ संख्या For Personal & Private Use Only 1 5 9 13 17 18 22 26 31 35 38 43 47 52 56 61 66 70 79 84 89 www.jainelibrary.orgPage Navigation
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