Book Title: Anusandhan 2017 11 SrNo 73
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad

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Page 72
________________ ६६ अनुसन्धान-७३ तस प्रोहित हो विश्वभूत बेऊं पुत्रं करि गाजियो... भव पहलें अमरविभूत बीजै भव गज ऊपना भव त्रीजै हो देव विमान किरणवेग चोथै भवै... भव पांचमें हो सुरह विमान वज्रनाभ छठे भवै सूर ऊपना हो सातमें जाण चक्रवर्त्त भव आठमें... अपराजित हो देवविमान नवमें भव सुर सुख लह्या स्वामि अवतर्या हो पोसह मास पोसह वदि दशमी दिने... वाणारसी हो अस्वसेन राय वामा कूखें अवतर्या मधरयणी हो छपनकुमार चोसठ सुरपति नवराविया पिया मायें हो पासकुमार नाम दियो पूगी रली... जिन परणी हो राजकुमार परभावती रूपें भली तुं सांभल हो पासकुमार दशावतारें अवतर्या... वरक्रांणे हो थांन पयठा पायतल सुर नर संपजै थारै आवें हो जग सहु जात . सहुना भाजै आमला...

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