Book Title: Anusandhan 2015 08 SrNo 67
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad

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Page 74
________________ जून - २०१५ १४३ १४४ अनुसन्धान-६७ संज्ञा | भण्डार का नाम क्रमांक ताडपत्रीय प्रति का /कागज लेखन काल हि-२ वि.सं. १६२४ आ. १ | उदयपुर-आगम-अहिंसा समता | एवं प्राकृत संस्थान वि.सं. १५६८ वि.सं. १८६४ |वि.सं. १८७२ | बीकानेर-श्री अगरचन्द भैरोदान | सेठिया जैन ग्रन्थालय | १४७२ | कागज | वि.सं. १८१५ उज्जैन-रामरत्न ग्रन्थालय इन प्रतियों का मुख्यतः उपयोग किया गया है। इसके अतिरिक्त भी अन्य २० से अधिक प्रतियों का भी क्वचित् कदाचित् उपयोग किया गया है। श्रीदशवैकालिकसूत्र के मूलपाठ हेतु मुनि श्रीपुण्यविजय द्वारा प्रयुक्त हस्तलिखित प्रतियाँ जैसलमेर-श्रीजिनभद्रसूरि । ज्ञानभण्डार | ८३ (३) ताड़पत्रीय वि.सं. १२८९ खम्भात - श्रीशान्तिनाथ जैन | ७३ १३वीं सदी ज्ञानभण्डार का पूर्वार्ध १४वीं सदी का पूर्वार्ध व्याख्या ग्रन्थ दशवैकालिक सूत्र पर अज्ञातकर्तृक वृद्धविवरण (चूणि) इस प्रति में दशवैकालिक सूत्र ९/१/९ तक की ही हारिभद्रीय टीका है आगे के पत्र अप्राप्त हैं। हारिभद्रीय टीका | प्रति का लेखन काल वि.सं. १४९४ वि.सं. की १५वीं सदी वि.सं. की १६वीं सदी वि.सं. १४७३ ताडपत्रीय | वि.सं. १३८४ ताड़पत्रीय | वि.सं. १४८९ । /कागज ताडपत्रीय श्रीदशवैकालिकसूत्र के व्याख्याग्रन्थों की हमारे द्वारा प्रयुक्त हस्तलिखित प्रतियाँ कागज क्रमांक पाकाहेम ६५२८ पाकाहेम पाकाहेम १४९२७ पाकाहेम पातासंपा ३५-१ " भण्डार का नाम हहाटी-१ पाटण-संघवी पाड़ा का भण्डार | पातासंपा " " हवृवि-१ | पाटण - श्रीहेमचन्द्राचार्य जैन हहाटी-२| पाटण - श्री हेमचन्द्राचार्य जैन | हहाटी-३| पाटण - संघवी पाड़ा का भण्डार | जानभण्डार ज्ञानभण्डार " संज्ञा | हवृवि-२ हवृवि-३ | " 82 98088 ७४ ७६(१) (मुद्रित) प्रसिद्ध जर्मन विद्वान डॉ. ERNST LEUMANN द्वारा सम्पादित तथा डॉ. WALTHER| SCHUBRING कृत अनुवाद सहित दशवैकालिक सूत्र

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