Book Title: Anusandhan 2010 03 SrNo 50 2
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad

View full book text
Previous | Next

Page 266
________________ मार्च २०१० २५९ लखाता हता. काळान्तरे ताडपत्रोनी दुर्लभता आदि कारणे कागळ उपर ग्रन्थो लखावा लाग्या. आ बधी प्रतिलिपिओनी दीर्घकालीन परम्परामां, लेखकना अनवधानथी, प्राचीन अक्षरोना मरोडना आकारनो बराबर ख्याल न आववाथी, प्राचीन आदर्शोमां कोईक भाग तूटी गयो होय अवा ओवा अनेकविध कारणे कागळ उपर लखेला हस्तलिखित आदर्शोमां पार विनानी भूलो जोवा मळे छे. संस्कृत - प्राकृत - गुजराती - मारवाडी आदि कोईपण भाषाना ग्रन्थोमां आवी भूलो जोवा मळशे अटले लखाव्या पछी, अने मूल ग्रन्थो साथे मेळवीने सुधारवानी प्रथा पण हती. सारा लेखके लखेला तथा लखाव्या पछी वांचीने सुधारेला आदर्शोमां भूलोने सम्भव ओछो रहे. ज्यारे आजथी सवासो वर्ष पहेलां बंगाळमां मुर्शीदाबादमां श्रीरायधनपतसिंहजीओ शास्त्रीय ग्रन्थो छापवानी शरूआत करी त्यारथी शास्त्रीय ग्रन्थोनो मुद्रणयुग शरु थयो गणाय. तेमने जे हस्तलिखित ग्रन्थो मळ्या तेना आधारे तेमणे शरूआत करी. ते समये १५ मी के १६मी विक्रमनी सदीमां के ते पछी लखेला ग्रन्थो ज सुलभ हता. प्राचीन ताडपत्र उपर लखेला ग्रन्थो जेसलमेर, पाटण, खम्भात जेवा स्थानोमां ज मुख्यतया हता. सारा सुन्दर पाठो ताडपत्रमा हता. परन्तु, ताडपत्री ग्रन्थो मळवानी शक्यता हती ज नहीं. रायधनपतसिंहजीओ प्रकाशित करेलां शास्त्रोमां पानांनी जीर्णता तथा टाईपोनी सुन्दरतानो अभाव आदि कारणोथी अ ग्रन्थो लोकप्रिय के लोकभोग्य बन्या नहि, ते पछी आगमोद्धारक पू. सागरानन्दसूरिजी म. नो युग शरु थयो. सागरजी महाराजे अकला हाथे, पार विनाना ग्रन्थोनो विपुल राशि (ढगलो) जैन संघ समक्ष प्रकाशित करी दीधो. सुन्दरमा सुन्दर कागळो, सुन्दरमा सुन्दर टाइपोमां मुद्रित करेला ओ ग्रन्थो आजे पण ७५-८० वर्ष पछी ताजा अने अत्यन्त आकर्षक रह्या छे. आना आधारे ज एनो सर्वत्र प्रचार छे. आ मोटो उपकार सागरजी महाराजे करेलो छे. ___ छतां आ ग्रन्थोनो आधार तो १५मी के १६मी सदीमां के ते पछी कागळ उपर लखायेला हस्तलिखित आदर्शो ज हता. प्राचीन ताडपत्री ग्रन्थोमां लखेला हजारो शुद्ध पाठो तो हजु अप्रकाशित ज छे. Jain Education International 2010_03 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 264 265 266 267 268 269 270