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अप्रिल-२००७
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तरीके ओळखावी छे, जे वस्तुतः ढालनी अन्तिम कडी छे.
म. विनयसागरजीए अनु०मां प्रगट थयेली कृतिओना कर्ता विशे विस्तृत पूरक माहिती पत्र-चर्चामां आपी छे. ऐतिहासिक विगतोनो विशाल भण्डार तेमणे पोतानी दीर्घ साहित्ययात्रामा एकत्र कर्यो छे ते नूतन अभ्यासीओ माटे प्रेरणारूप बनवो जोईए.
C/o. जैन देरासर नानी खाखर (कच्छ)
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