Book Title: Anupeha Author(s): Pritam Singhvi Publisher: Parshwa International Shaikshanik aur Shodhnishth Pratishthan View full book textPage 32
________________ 30 टिप्पण ७ 'थिरु रहिय' के स्थान पर शायद 'धरु हियई' होना चाहिये ७ “जि' के स्थान पर 'जिणु' शायद हो ॥ २२ 'राग' के साथ 'द्वेष' आता है। 'रोष' के स्थान पर 'दोष' होना चाहिये । (३६) तुलना कीजिये हत्थ अहुट्ठहं देवली वालहं णाहि पवेसु । संतु णिरजणु तहिं वसइ णिम्मलु होइ गवेसु || पाहुड दोहा-९५Page Navigation
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