Book Title: Anukampadan
Author(s): Yugbhushanvijay
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 8
________________ साहान प्रहाननी शडित येतनमा छे. हात પુસ્તક કૂરે આપી લઇ શક્યું નથી લેવડચેતના મા छे छान शॉडेल खने सालने साहान पहान बुरी छान गुल होतेमा, हानने भ्ड पुस्तक हेवडनी वस्तु शाळेत येतनाम छे. 25 पहार्थ शहतु नही येतनमा धर्म तरीके जनवीचे याहुहरतनो नियम नियम छे 8 प्रतिभाव छुपे मजे छे. धर्म नीतिनियमो भावा खन तेना पर श्रद्धा डरखी ने खने तेनुं खायरा दुख क्यारे हुहरत विरुद्ध वर्तन ४ कर्म जंघाय छे, खने नम सिद्धांत छे त्याच्या श्रद्धा धर्म धुर्म बखते धर्म . · हाजना 82 के खापोले ४ साइ धर्म तरीके ३६२तना ख ४ धर्मनी पायाना नियममा नियममा तमे ने जीलने खायो योताने मजे व्यवहारमा तमे डोघेना पर चलू ोध होतो तेनी साधे तमने छोधू ४ माही बागूली खायो तो सामे सांगली मजे हमे स्वाधी जनो रखने साने शहारता मांगोतो जुने ? प्रतिलावतो तमांश वर्तनने खनुश्प ४ खाये छें खेटले खा व्यवहारमा पाखा अनुभव सिद्ध छे जीलने संशीति खायशीतो तमन खशनि व मजरो जीवना संतांचना निर्मित जनो तो तुमने यहा संताप व मजशे तेथी हान धर्मने ने विचारीचे, الد खायार छो मूजलुत खायो तो साइ मजे हम खापीचे छीचे? महत्व या घटना अडार छे; तमाशीपास

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