Book Title: Anekarth Sangraha Satik Part 02
Author(s): Hemchandracharya, Mahendrasuri, Jinendravijay
Publisher: Harshpushpamrut Jain Granthmala
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४९.
*लोकः
पृष्ठं
श्लोकः
शब्द: विहारः विदारः विदारो
५९७
विर
५९
विधुरा विसरः शर्वरः
सम्बर
शब्दः संस्तरः सङ्गरः सगर सम्भारः संस्कारः सङ्कारः सङ्कारी सामुद्र सावित्रः सावित्री सिन्दूर सिन्दूरः सिन्दूरी सुन्दरी शुनारः सैरन्ध्री सौवीर
शम्बरः शम्बरी
६००
शर्करा
शर्वरी शक्वरी शारीर
६१३
शावर
शार्वरः शावरी शाक्वरं
६१४ ६१५
६०३
॥ अथ लान्ताः
॥
शाश्वरः
शालार
शिखरं
६१५ "
६०४
६०५
"
शिशिरः शिलीन्ध्रः शिलीन्ध्र शिलीन्ध्री शीकरः शुषिर शुषिरः
अर्गलं अनल: अराल: अवेल: अवेला অচলতি: अङ्गुलिः अमला
६१८
अमल आभीलं
(६१८) (६१८)
६१९
अङ्गारः
शृङ्गार
६०८
इल्वलः
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