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जैन जाव्यति चित्रकथा अनंगधशूका जीव देवगति सैय्यकर राजा द्रोपघकै यहाँ विशल्यानामक पुत्री होतीHI
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पर्व तप के प्रभावूसैविशूल्या और इस विशल्या का विवाहराजाकैस्नान किये जलसे रोगों कानाश हो जाता
दशरथ के पुत्रलक्ष्मणसे होताहै।
वाह! धन्य
विशल्याजिसके प्रभाव से मेरा
गया।
शैग दूरही
सिमाप्त
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