Book Title: Alankar Manihar Part 04
Author(s): R Shama Shastry
Publisher: Oriental Library

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Page 10
________________ अशुद्ध शोधन में. पतो. अशुद्धम्. सदा 10 16 102 24 148 153 156 20 11 विमुखः वर्णीनि वर्णिर्ना म्भोध शब्दा स्सदेह अधशीर्ष घ्रज उदत्त संवन्धे गते स्स इत्यर्था दयाते न्न्यास वैश्योः जाननां मया अभिमा शुद्धम्. स्सदा विमुखः वर्णिनि वर्णिनी म्भोधे शब्द स्संदेह अधश्शीर्ष व्रज उदात्त सबन्धे गतेस्स इत्थमर्था दयते न्यास वैश्ययोः जनानां 162 171 200 17 11 17 215 221 224 242 256 24 12. माया 20 अभामा

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