Book Title: Agamsaroddhar
Author(s): Devchandramuni
Publisher: Adhyatma Gyan Prasarak Mandal

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Page 6
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir तमाम ग्रंथो छपाववानी प्रवृती करतां आगमसार ग्रंथनी घणी प्रतो भेगी करी जेमां सुरतना श्री मोहनलालजी महाराजना भंडारमांथी बे प्रतो नं. ४०९-५६३ नी मळी तथा पं० श्री लाभविजयजी पासेथी एक प्रत तेमज पादराना भंडारमांथी एक प्रत मळी ते चारे प्रतोमां आ ग्रंथना पृष्ट ५५ नी पहेली लीटीथी शरु थतो प्रतिमापूजानो तथा पृष्ठ २०४ थी शरु थतो गुणस्थानक विचार ए बंने विषयो दाखल हता तेथी आ ग्रंथमां ते जे ते स्थळे दाखल करी लेवामां आवेला छे पादराना भंडारनी प्रत तथा पं. लाभविजयजी वाली प्रत तेओश्रीना पादराना संग्रहमां मोजुद छे. हालनी मोघवारीना लीधे आ ग्रंथनी www.kobatirth.org For Private And Personal Use Only

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