Book Title: Agamsaroddhar Author(s): Devchandramuni Publisher: Adhyatma Gyan Prasarak Mandal View full book textPage 5
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir प्रेमचंद दलसुखभाइए सं. १९६७ नी सालमा छपावी तेनी १०००) नकल भेट तरीके आपी हती तमाम नकल खपी जवाथी अने तेनी घणी मागणी चालु रहेवाथी उक्त सूरिजी महाराजना सदुपदेशथी तेनी आ बीजी आती पोतानाज खर्चे छपाक्वा सदर बंने ग्रहस्थोनी इच्छा थवाथी मंडळे आ अती उपयोगी ग्रंथनी बीजी आवृती बहार पाडी छे ते माटे ते बंने ग्रहस्थोने धन्यवाद घटे छे. आ ग्रंथ प्रकरण रत्नाकर पहेला भागमा छपायलो छे तेमां तथा पहेली आवृतीमां प्रतिमापूजा तथा गुणस्थानक विचार नामना अगत्यना विषयो छपायला नहोता पण ते पछी श्रीमद् देवचंद्रजी महाराजना बनावेला www.kobatirth.org For Private And Personal Use OnlyPage Navigation
1 ... 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 ... 480