Book Title: Agamanusar Muhpatti Ka Nirnay
Author(s): Manisagar
Publisher: Kota Jain Shwetambar Sangh

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Page 1
________________ ສອນ ນັ່ງ ນ ອນ ອ້ອນ Bino.1983 ॥ॐ॥ *श्री जिनाय नमः॥ आगमानुसार मुंहपत्ति का निर्णय. और जाहिर उद्घोषणा नं० १-२-३. GOS कर्ताःपरमपूज्य परमगुरु श्री १००८ श्री मन्महोपाध्यायजी श्री सुमतिसागरजी महाराजके लघु शिष्य पं० मुनि श्रीमणिसागरजी महाराज. sahthalipedionedis so disabdosraddddeiosddogoda ke siddiodo Idio hd Sisodia * * * 26dode dadi dj Jo doDSiddhadake Jods* * * * *s do 2024 -- छपवाकर प्रकट कर्ताःश्री कोटा आदि का जैन श्वेतांबर संघ. तीन फार्म लक्ष्मीविलास स्टीम प्रेस इन्दौर में छपे और शेष सब ग्रंथ कोटा प्रिंटिंग प्रेस कोटा शहर में छपा. श्रीवीरनिर्वाण सं० २४५३] [विक्रम सम्वत् १९८३. कार्तिक शुदी ११. प्रथम बार २०००० कॉपी.] भेट [मूल्य सत्य ग्रहण. कक

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