Book Title: Agam Prakashan Suchi
Author(s): Nirav B Dagli
Publisher: Gitarth Ganga

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Page 20
________________ xvii सभी कृतियों की जानकारियाँ प्राप्त कर सकता है, एवं प्रत्येक कृति परिचय अंतर्गत सबसे अंत में कृति के प्रकाशनक्रमांक दिये गये है । जिससे वाचक को अभीष्ट कृतियों के सर्व प्रकाशन संबंधित जानकारियाँ उपलब्ध होती है, अतः अभीष्ट कृति के विशेष प्रकाशन का चयन भी सुलभ बनता है । प्रकाशन परिचय अंतर्गत कृति पूर्ण/अपूर्ण रूप से प्रकाशित हुई है, उसकी जानकारी दी गई है। आगमिक विषयकोश, शब्दकोश आदि विभागों में कृति परिचय न देकर, प्रकाशन परिचय अंतर्गत ही पुस्तक में प्रकाशित विषयों का आवश्यक परिचय दिया गया है । अतः ऐसे कृति से असंबद्ध प्रकाशनों की सूची परिशिष्ट 4 में दी गई है । II प्रस्तुत सूचि में कुल 1572 + 3 (पीछे से वृद्धि किये गये क्रमांक 112a, 463a, 917a, 1043a, 1440a, 1539a ओर कटौती किये गये क्रमांक 926, 1360, 1401 अनुसार) = 1575 कृतियों का परिचय दिया गया है। (3) आगम पंचांगी की चित्रात्मक शैली से प्रस्तुति कृति परिचय के पश्चात् पंचांगी आगम ग्रंथों को चित्रात्मक शैली से दर्शाया गया है । जिससे प्रकाशित हुए नियुक्ति, चूर्णि आदि ग्रंथों की जानकारियाँ शीघ्रता से एवं रोचक शैली से उपलब्ध होती है । अनेक मूल आगम ग्रंथों के नाम सहित बनाए गए प्रत्येक चित्र, चित्रात्मक रूप से निर्देशित पंचांगी कृतियाँ (उदाहरणार्थ नियुक्तियाँ) आदि, उन आगम ग्रंथों पर उपलब्ध व प्रकाशित होने का निर्देश करती है । विशेष यह है कि, एक ही आगम पर एकाधिक टीका आदि होने पर आगम के नाम के साथ उनकी कुल संख्या कोष्ठक O में चित्र अंतर्गत बताई गई है। (4) प्रकाशन परिचय इस विभाग में आगमिक कृतियों के प्रकाशन की जानकारियाँ दी गई है, इसे कृति परिचय से संलग्न करने हेतु प्रत्येक प्रकाशन परिचय अंतर्गत कृतिक्रमांक रखे गये हैं । प्रकाशनों का परिचय आगम अनुक्रमणिका में दिए गए विभागों के क्रमानुसार दिया गया है और प्रत्येक विभाग के प्रकाशनों का परिचय प्रकाशन संवत् के क्रम से दिया गया है । एवं एक ही प्रकाशन संवत् में प्रकाशक के अकारादि क्रम से दर्शाया गया है । प्रत्येक विभाग में केवल उसी आगम से संबंधित प्रकाशनों का परिचय दिया गया है । अर्थात् 'आचाराङ्गसूत्रं सूत्रकृताङ्गसूत्रं च' आदि एक से अधिक आगम से संबंधित प्रकाशनों का परिचय 'एकाधिक आगम साहित्य' विभाग में दिया गया है, विशेष जानकारी आगमिक अनुक्रमणिका के परिचय अंतर्गत पहले ही दी गई है।

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